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हाइलाइट्स
- सपाक्स ने MP सरकार पर लगाए आरोप
- दोनों संगठन का वर्गवार रिपोर्ट का समर्थन
- दोनों वर्गों में प्रमोशन में आरक्षण की बात
MP New Promotion Policy 2025: मध्यप्रदेश में 5 लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण (Promotion in Reservation) के मामले को लेकर कर्मचारी संगठन सपाक्स (Sapaks) और अजाक्स (Ajjaks) एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। दोनों संगठनों ने हाल ही में बने नए नियमों और कोर्ट के रुख को लेकर तीखे बयान दिए हैं।
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सपाक्स का सवाल: 'बिना डाटा के बनाए नए नियम
सपाक्स के संस्थापक संयोजक केएस तोमर ने सरकार के फैसलों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। तोमर ने कहा कि कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में अंतरिम राहत नहीं मिलेगी, बल्कि सीधे अंतिम फैसला आएगा।
सरकार ने न्यू प्रमोशन पॉलिसी में न्यायालय की गाइडलाइन का पालन नहीं किया है। न तो क्रिमीलेयर की व्यवस्था की गई, इनमें क्रिमीलेयर में जा आ रहे है, उन्हें प्रमोशन में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
पक्ष की अनदेखी: उन्होंने आरोप लगाया कि जब-जब बैठकों का आयोजन हुआ, सपाक्स द्वारा रखे गए पक्ष को महत्व नहीं दिया गया।
बिना डाटा के नियम:उनका सबसे बड़ा आरोप यह है कि राज्य सरकार ने बिना पर्याप्त डाटा (संख्यात्मक स्थिति) के ही पदोन्नति के नए नियम बना दिए।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन: तोमर के अनुसार, इन नए नियमों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया है, खासकर क्रीमी लेयर वाले कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण न देने के प्रावधान का।
लागू होने की अनिश्चितता: उन्होंने सवाल किया कि 2025 में बने ये नियम कब से लागू होंगे, यह साफ नहीं है, और अब सरकार बिना डाटा के ही 2016 से पदोन्नति देने की बात कह रही है।
यह खबर भी पढ़ें: MP Promotion Policy: नई प्रमोशन नीति 2016 के बाद की पदोन्नति पर होगी लागू, इससे पहले मान्य नहीं, HC- अब होगा अंतिम फैसला
अजाक्स का विरोध: हित में नहीं थे 2025 के नियम
दूसरी ओर, अजाक्स के प्रदेश महासचिव गौतम पाटिल ने 2025 में बने नए पदोन्नति नियमों का विरोध करते हुए कहा कि 2025 में जारी प्रमोशन के नए नियम वास्तव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) कर्मचारियों के हित में नहीं थे।
बैकलॉग का नुकसान:उन्होंने बताया कि नए नियमों के कारण उनके हजारों बैकलॉग पद समाप्त हो गए। इसके बावजूद, कर्मचारियों के हित को देखते हुए अजाक्स ने इनका समर्थन किया था।
कोर्ट जाने पर आपत्ति:पाटिल ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि नए नियम बनने के बावजूद भी कुछ लोग इन्हें लेकर कोर्ट चले गए।
ऑडिट रिपोर्ट की मांग:उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक विभाग को अनिवार्य रूप से अपनी ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए ताकि संख्यात्मक स्थिति स्पष्ट हो सके।
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MP Promotion Policy 2025: वर्गवार प्रमोशन और आरक्षण की तैयार होगी रिपोर्ट, 28 अक्टूबर तक HC में करेंगे पेश
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Madhya Pradesh Promotion Policy Reservation 2025 Update: मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी है। प्रदेश सरकार अब 5 लाख कर्मचारियों की वर्गवार प्रमोशन और आरक्षण रिपोर्ट तैयार कर रही है। जिसे 28 अक्टूबर, 2025 तक एकजाई कर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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