New Liquor Policy In Madhya Pradesh: प्रदेश में संचालित होटल-रेस्त्रां के बार में अब जल्द ही महुआ की शराब (हेरिटेज वाइन) भी मिलेगी। इतना ही नहीं महुआ शराब के शौकीन अब इसकी 4 बोतल अपने घर में भी रख सकेंगे। हेरिटेज वाइन की पॉलिसी के लिए गठित कैबिनेट की सब कमेटी यह सिफारिश सरकार को करने जा रही है। इसका मकसद महुआ शराब की बिक्री को बढ़ावा देने है जिससे जंगली क्षेत्र में महुआ बीनने वाले आदिवासियों की आय में इजाफा हो सके।
नई आबकारी नीति के अनुसार होटल और बार में हेरिटेज मदिरा (Heritage Sharab) यानी महुआ से बनी शराब को रखना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा इसे घर पर रखने की भी अनुमति होगी। आपको बता दें नई आबकारी नीति को सहमति दे दी गई है। अब जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी।
नई आबकारी नीति को सहमति, अधिसूचना बाकी
जानकारी के अनुसार प्रदेश में नई आबकारी नीति के तहत घर में महुआ की शराब रखने की छूट दी जाएगी। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी द्वारा सहमति दे दी गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती है।
इस विशेष समाज से जुड़ा है महुआ का कारोबार
आपको बता दें महुआ को बढ़ावा देने सरकार ने बड़ा फैसला (Big decision on mahua sharab) लिया है। दरअसल महुआ का कारोबार आदिवासी समाज से जुड़ा है।
इसके व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की मोहन सरकार (MP Mohan Yadav Govt) ने ये बड़ा फैसला लिया है। नए आदेश के बाद होटल, बार के मेन्यू में हेरिटेज मदिरा (Heritage Liquor in hotel menu) रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
घर में भी रख सकेंगे महुआ की शराब
जानकारी के अनुसार इस आदेश के बाद अब घर में भी महुआ की शराब रखी जा सकती है। बार के मेन्यू में हेरिटेज मदिरा रखना अनिवार्य होगा।
जानकारी के मुताबिक होटल-बार में दो पेटी हेरिटेज मदिरा रखी जा सकेगी। इसके अलावा घर की बात करें तो चार बोतल हेरिटेज मदिरा यहां रखी जा सकेगी।
आपको बता दें हेरिटेज मदिरा महुआ के फूल से बनती है। बीते दिन अनुषांगिक विषयों पर गठित समिति की बैठक हुई थी। जिसके बाद ये बड़ा फैसला लिया गया।
क्या है हेरिटेज मदिरा
महुआ शराब मुख्य रूप से महुआ के फूल से बनने वाली मदिरा है। जिसे हेरिटेज मदिरा का नाम दिया गया है। ये एक वनोपज है। नई आबकारी नीति के प्रावधानों को लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में बनने वाली हेरिटेज मदिरा को पहचान दिलाने के लिए आबकारी नीति के अंतर्गत वर्ष 2022 में नियम बनाए गए।
इसका उत्पादन प्रदेश में सिर्फ जनजातियों द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में ही किया जा सकता है। साथ ही विनिर्माण इकाई के परिसर में विक्रय के लिए दुकान भी खोली जा सकती है। अब इसे विस्तार देने के लिए ये फैसला लिया गया है।
उत्पादन करने वाले आदिवासियों को छूट
आपको बता दें महुआ से बनी शराब के उत्पादन और सेवन की छूट आदिवासी क्षेत्रों को होती है। इनके द्वारा शराब के सेवन पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं होता है।
पहले भी आई थी इस तरह की नीति
मध्यप्रदेश सरकार ने दो साल पहले आदिवासियों को सशक्त बनाने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य की ऐतिहासिक महुआ शराब के लिए नई आबकारी नीति बनाई थी। उस समय इसे हैरिटेज लिकर नीति कहा गया है।
इसमें वैट और लाइसेंस फीस में छूट का प्रावधान रखा गया था। अलीराजपुर में मोंड और डिडोंरी में मोहुलो ब्रांड से शराब बननी शुरू हुई थी।
अब मध्यप्रदेश सरकार महिला स्व सहायता समूह के जरिए हैरिटेज शराब के निर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य बनाई गई थी। अब इस फैसले के बाद इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे और आय में भी वृद्धि होगी।
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