MP Moong Kharidi 2025 MSP Controversy: 7 जुलाई से शुरू हुई एमएसपी पर मूंग खरीदी को लेकर अब एक नया विवाद सामने आया है। दरअसल मध्य प्रदेश वेयरहाउस ऑनर्स एसोसिएशन ने मूंग खरीदी का बहिष्कार कर दिया है।
वेयरहाउस संचालकों ने खरीदी का विरोध करते हुए नर्मदापुरम, रायसेन एवं सीहोर के कलेक्टरों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन भी सौंपा है।
सोयाबीन की तरह मूंग में भी छूट मिले
वेयर हाउस संचालकों की मांग है कि, सरकार खरीदी (MP Moong Kharidi 2025 MSP Controversy) की उपार्जन नीति में सोयाबीन खरीदी की तरह ही संशोधन करे। दरअसल मूंग में प्रति क्विंटल 1.50% से 2% तक कि सूखत आती है जिसका नुकसान वेयरहाउस संचालको को उठाना पड़ता है।
ऐसे में सरकार सूखत के अनुपात में छूट दे। इसके अलावा 3 सालों से अटकी गेहूं, चना, सोयाबीन, धान, मूंग की बकाया का भी भुगतान किया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि, किराया न मिलने की वजह से कई वेयरहाउस संचालक बैंक से डिफॉल्टर होने की कगार पर हैं।
प्रभारी मंत्री से मिले वेयरहाउस संचालक
अपनी इस मांग को लेकर वेयरहाउस संचालकों ने रायसेन के प्रभारी मंत्री नरेंद्र शिवजी पटेल से मुलाकात की है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि, अगले कुछ दिनों में मूंग उपार्जन वाले जिलो में भी कलेक्टर के जरिए ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो भविष्य में बड़ा कदम उठाया जाएगा।
शिवराज से भी मिले थे एसोसिएशन के पदाधिकारी
आपको बता दें कि, हाल ही में मध्यप्रदेश वेयरहाउस ऑनर्स एसोसिएशन (MP Warehouse Association) ने भोपाल में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से भी मुलाकात की थी।
उन्होंने विभागीय छूट व लंबित भुगतानों की मांग करते हुए कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपा था। वेयरहाउस संचालकों ने केंद्रीय मंत्री को मूंग की खरीदी में हो रही समस्याओं से भी अवगत कराया।
केंद्र ने दी थी मूंग-उड़द खरीदी की मंजूरी
मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग-उड़द की MSP पर खरीदी (MP Moong Kharidi 2025 MSP Controversy) 7 जुलाई से शुरू हो गई है, जो 6 अगस्त तक चलेगी। केंद्र सरकार ने एमपी में 3 लाख 51 हजार मीट्रिक टन मूंग खरीदी की मंजूरी दी थी।
मूंग-उड़द की खरीदी पीएसएस योजना (PSS Scheme) से हो रही है। मूंग के लिए 30 जून तक 2 लाख 94 हजार तथा उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों का पंजीयन कराया है।