भोपाल। MP Monsoon 2023: केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। इसी के साथ अब सभी को इस बात का इंतजार है कि मध्यप्रदेश में मानसून की दस्तक कब होगी। तो आपको बता दें इस बार 8 से 10 दिन की देरी से दस्तक देने के कारण एमपी में भी इसकी एंट्री 20 जून से मानी जा रही है।
हालांकि बीते दिनों से प्री मानसून गतिविधियां तो एमपी में जारी हैं। गुरुवार के मौसम की बात करें तो प्रदेश के किसी भी जिले में तेज बारिश नहीं हुई। बुधवार-गुरुवार के दरमियान उज्जैन में सर्वाधिक 36 मिलीमीटर बारिश रेकॉर्ड हुई। खजुराहो में 6, उज्जैन में 3.6, मंडला में 1.4, सिवनी में 0.6 और इंदौर में 0.2 मिलीमीटर पानी गिरा।
बीते सालों में कब-कब आया मानसून
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बीते साल यानि वर्ष 2022 में मानसून 16 जून को प्रदेश में प्रवेश कर गया था। वहीं उससे पहले 2021 में 10 जून में दस्तक दी थी। 2020 में 14 जून, 2019 में 24 जून, 2018 में 26 जून, 2017 में 22 जून, 2016 में 19 जून और 2015 में 22 जून को प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी थी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जो पूर्वानुमान लगाया जा रहा है उसके अनुसार 20 जून तक मध्यप्रदेश में मानसून आ सकता है।
वर्ष मानसून की एंट्री
वर्ष 2022 16 जून
वर्ष 2021 10 जून
वर्ष 2020 14 जून
वर्ष 2019 24 जून
वर्ष 2018 26 जून
वर्ष 2017 22 जून
वर्ष 2016 19 जून
वर्ष 2015 22 जून
नौतपा के बाद बढ़ी गर्मी
इस बार नौतपा तो बिना तपे निकल गया, लेकिन इसके बाद अब गर्मी (MP weather) अपना असर दिखा रही है। हालांकि प्री-मानसूनी गतिविधि के चलते वर्तमान में प्रदेशवासियों को उमस सामना करना पड़ रहा है। बीते 24 घंटों में मध्यप्रदेश का दमोह जिला ऐसा रहा जो सर्वाधिक अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। तो वहीं अन्य जिलों की बात करें तो यहां भी पारा 40 से ज्यादा बना हुआ है। जिसमें खजुराहो में 42.8, रीवा में 42.2, सीधी में 42, उमरिया में 42, जबलपुर में 40.8, भोपाल में 40.6, ग्वालियर में 23.5, खंडवा में 41.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है।
आज इन जिलों में तेज बारिश की चेतावनी
आईएमडी की मानें तो आज शुक्रवार को प्रदेश के करीब 20 जिलों में आंधी गरज चमक के साथ बारिश के आसार हैं। जिसमें श्योपुर कला, धार, रायसेन, बैतूल, भिंड, राजगढ़, खंडवा, विदिशा, सागर, अशोकनगर, बुरहानपुर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, डिंडोरी, दमोह जिलों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हवा चलने के साथ साथ पानी गिरने का भी अनुमान है।