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बेटियों की सुरक्षा के खातिर एक पिता की जिद: मोबाइल टावर के रेडिएशन से बचाने 17 साल लड़ी लड़ाई,एमपी HC ने सुनाया ये फैसला

Madhya Pradesh Khandwa Mobile Tower Removal Case: मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में एक पिता ने अपनी बेटियों की सेहत को लेकर गहरी चिंता जताते हुए 17 साल तक मोबाइल कंपनी के टावर को हटवाने के लिए संघर्ष किया।

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Aman jain
MP Mobile Tower Radiation

MP Mobile Tower Radiation

MP Mobile Tower Radiation: मध्‍य प्रदेश के खंडवा शहर में एक पिता ने अपनी बेटियों की सेहत को लेकर गहरी चिंता जताते हुए 17 साल तक मोबाइल कंपनी के टावर को हटवाने के लिए संघर्ष किया।

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उन्होंने अपने परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अकेले ही कानूनी लड़ाई लड़ी। उनकी बेटियां उस समय छोटी थीं और पिता को यह डर था कि टावर से निकलने वाला रेडिएशन उनके स्वास्थ्य पर खतरनाक असर डाल सकता है।

इस दौरान उन्हें कई बार कंपनी के अधिकारियों की धमकियों और दबाव का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और न्याय के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी।

घर के पास लगा दिया टावर

आपको बता दें कि तिवारी ने 2007 में ब्रज नगर इलाके में अपने परिवार के लिए एक नया मकान बनवाया था। जब उनकी बेटियां केवल 9 और 10 साल की थीं। उसी दौरान, उनके पड़ोस में एक खाली प्लॉट पर मोबाइल टावर लगा दिया गया।

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तिवारी को यह चिंता सता रही थी कि टावर से निकलने वाला रेडिएशन उनकी बेटियों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। 2008 में उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और टावर को हटवाने के लिए कलेक्टर से शिकायत की।

इसके बाद उन्होंने 35 आवेदन विभिन्न विभागों में दिए, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

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प्रदेश का पहला ऐसा मामला

यह प्रदेश का पहला ऐसा मामला था, जिसमें तिवारी ने अपने परिवार की सेहत की सुरक्षा के लिए मोबाइल टावर को हटवाने के लिए 4 बार जबलपुर हाई कोर्ट का रुख किया।

पहली बार और दूसरी बार हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन तीसरी बार उनका मामला बोर्ड तक नहीं पहुंच सका। हर बार तिवारी ने उम्मीद के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई न कोई अड़चन आ जाती थी।

इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी लड़ाई जारी रखी, क्योंकि उनका मकसद अपने बच्चों की सेहत की रक्षा करना था।

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फोटो सत्यापन के आदेश के बाद हटा टावर

चौथी बार तिवारी ने जबलपुर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने टावर को हटाने और फोटो सत्यापन करने का आदेश दिया। इस बार कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को टावर हटा लिया गया।

यह प्रदेश में पहला ऐसा मामला है, जिसमें कोर्ट द्वारा दिए गए फोटो सत्यापन के आदेश के बाद मोबाइल टावर को हटाया गया। यह तिवारी की संघर्ष और धैर्य की जीत थी।

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अपनी छत पर ऐसे लगवाएं BSNL टावर: बैठे-बिठाए होगी हर महीने 20 से 25 हजार की मोटी कमाई, जानें टावर लगवाने की पूरी डिटेल

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