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हाइलाइट्स
- एमपी के मंत्री इंदर सिंह परमार का विवादित बयान।
- राजा राम मोहन राय को कहा अंग्रेजों का दलाल।
- विवादित बयान से मचा बवाल, मंत्री परमार ने मांगी माफी।
MP Minister Inder Singh Parmar controversial statement: मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने एक विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। आगर-मालवा में आयोजित बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह के दौरान उन्होंने समाज सुधारक राजा राम मोहन राय को ‘अंग्रेजों का दलाल’ बताते हुए गंभीर आरोप लगाए। मंत्री परमार ने कहा कि राजा राम मोहन राय अंग्रेजी शिक्षा के जरिए आस्था परिवर्तन और समाज में जातीय विभाजन का हिस्सा थे। बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक विवाद तेज हो गया है। बयान तेजी से वायरल हुआ और विवाद बढ़ने पर मंत्री ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए सफाई पेश की।
मंत्री परमार ने ट्वीट कर जताया खेद
बढ़ते विवाद के बाद इंदर सिंह परमार ने देर रात एक ट्वीट और वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने लिखा: “बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में अंग्रेजों की चाल और षड्यंत्र के बारे में बता रहा था। उसी दौरान फ्लो में मेरे मुंह से राजा राममोहन राय के बारे में गलत शब्द निकल गए। मुझे इसका दुख है और मैं प्रायश्चित करता हूं। मैं व्यक्तिगत रूप से राजा राममोहन राय का सम्मान करता हूं।” मंत्री ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं था, लेकिन बयान गलत तरीके से प्रस्तुत हो गया।
प्रसिद्ध समाज सुधारक श्री राजा राम मोहन राय जी ने अपने काल में समाज सुधार का बहुत काम किया है।
उनके लिए त्रुटिवश निकले शब्दों पर, मुझे दुःख है।
मैं प्रायश्चित करता हूँ.. pic.twitter.com/HlKhNP80cN— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) November 16, 2025
जानें पूरा मामला
दरअसल, बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर शनिवार को आगर-मालवा में कार्यक्रम आयोजित किया था। जिसमें उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने विवादित बयान देकर नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। अपने संबोधन में मंत्री ने समाज सुधारक राजा राम मोहन राय को “अंग्रेजों का दलाल” बताया और उन पर समाज को जातियों में बांटने का आरोप लगाया।
अंग्रेजों के सहयोगी थे राजा राम मोहन राय
मंत्री परमार ने कहा कि बंगाल में अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से भारतीयों की आस्था बदलने का प्रयास किया जा रहा था। इस प्रक्रिया में कुछ भारतीय भी शामिल थे, जिन्हें अंग्रेजों ने समाज सुधारक का दर्जा दिया था। उन्होंने सीधे तौर पर कहा— “राजा राम मोहन राय अंग्रेजों के दलाल की तरह काम कर रहे थे। उन्होंने धर्मांतरण का चक्र चलाया, जिसे बिरसा मुंडा ने रोका।”
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बिरसा मुंडा को बताया धर्म की रक्षा करने वाला नायक
मंत्री इंदर सिंह परमार ने बिरसा मुंडा और राजा राम मोहन राय की तुलना करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को बचाने, उनकी आस्था की रक्षा करने और विदेशी प्रभावों से समाज को दूर रखने का काम किया। मंत्री के अनुसार— “समाज को बचाने और आदिवासी समुदाय को सुरक्षित रखने का कार्य बिरसा मुंडा ने किया था।”
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