MP Mining Conclave: राजधानी भोपाल में आज से 2 दिवसीय माइनिंग कॉन्क्लेव आयोजित होने वाला है। जिसमें देश के खनन मंत्री भी शामिल होने वाले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को साकार करने के लिए राज्य सरकार 17-18 अक्टूबर 2024 को भोपाल में खनन कॉन्क्लेव आयोजित कर रही है। यह आयोजन राज्य में खनन, तेल, गैस और खनिज आधारित उद्योगों की संभावनाओं को उजागर करेगा, जो विकास की नींव के रूप में कार्य करते हैं।
खनिज भंडार से समृद्ध है एमपी- सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश खनिज संसाधनों से भरा हुआ राज्य है और यह देश के खनन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एकमात्र राज्य है जो हीरे का उत्पादन करता है। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश मैंगनीज और तांबा अयस्क के उत्पादन में भी आगे है, जो कई औद्योगिक उपयोगों के लिए आवश्यक हैं। राज्य रॉक-फॉस्फेट उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, जबकि सीमेंट उद्योग के लिए जरूरी चूना पत्थर के उत्पादन में तीसरे स्थान पर आता है। कोयला उत्पादन में मध्यप्रदेश चौथे स्थान पर है।
आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की है कि उनकी सरकार राज्य को खनन और खनिज-आधारित उद्योगों का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है। इस पहल से राज्य में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उद्योगपतियों, हितधारकों, और खनन क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है ताकि वे अपने विचार और अनुभव साझा कर सकें। यह कदम मध्य प्रदेश के विकास में एक नए युग की शुरुआत करेगा।
कॉन्क्लेव में 600 प्रतिनिधि होंगे शामिल
खनन कॉन्क्लेव में केंद्रीय खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय राज्य मंत्री एस.सी. दुबे और केंद्रीय खान मंत्रालय के सचिव वी.एल. कांता राव की विशेष उपस्थिति रहेगी। वे राज्य में खनन क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। इस कार्यक्रम में 600 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी, जिसमें एन.सी.एल, एच.सी.एल, एन.एम.डी.सी., ओ.एन.जी.सी., और जी.ए.आई.एल जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि और अन्य राज्यों के उद्योगपति शामिल होंगे।