MP Medical Stores Discount Board Ban: मध्यप्रदेश में अब मेडिकल स्टोर संचालक अपनी दुकान पर डिस्काउंट के बोर्ड नहीं लगा सकेंगे, साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस तरह का प्रचार नहीं कर सकेंगे। मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल (Madhya Pradesh Pharmacy Council) ने इस मामले में प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस जारी किए हैं और इस अवैध टैक्टिस को 15 दिन में पूरी तरह खत्म करने की चेतावनी दी है।
MPPC ने नोटिस जारी कर कहा कि कई मेडिकल स्टोर बोर्ड और सोशल मीडिया के जरिए डिस्काउंट का लालच देकर उपभोक्ताओं को प्रभावित रहे हैं, जो फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 (Pharmacy Practice Regulations 2015) के अनुसार अनैतिक और अवैध है। ऐसी गतिविधियों में पकड़े जाने पर फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन कैंसिल या सस्पेंड किया जाएगा। साथ ही मेडिकल स्टोर पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
छोटे मेडिकल स्टोर को होगा फायदा
काउंसिल के नोटिस में यह भी कहा गया है कि बड़े कारोबारी अपनी आर्थिक ताकत के दम पर इस तरह के विज्ञापन का सहारा लेकर छोटे मेडिकल दुकानदारों के साथ अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा कर रहे हैं। यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 का उल्लंघन है।
मेडिकल स्टोर्स से कानून का पालन करने की अपील
काउंसिल के अध्यक्ष संजय जैन और रजिस्ट्रार भाव्या त्रिपाठी ने कहा कि भविष्य में डिस्काउंट के बोर्ड लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने सभी मेडिकल स्टोर्स से कानून का पालन करने और अनैतिक प्रतिस्पर्धा से बचने की अपील की।
MPCDA ने काउंसिल के आदेश का किया स्वागत
एमपीसीडीए (मध्यप्रदेश केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन) ने मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल के हालिया आदेश का स्वागत किया है। संगठन ने बताया कि महाराष्ट्र, पंजाब, गोवा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और अब जम्मू-कश्मीर की तरह मध्यप्रदेश में भी दवा दुकानों पर डिस्काउंट बोर्ड लगाने वाले फार्मासिस्टों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश केमिस्टों के हित में ऐतिहासिक निर्णय है।
15 दिन में हटाएं डिस्काउंट के बोर्ड
काउंसिल ने सभी जिलों से अपील की है कि 15 दिनों में दुकानों से डिस्काउंट बोर्ड हटाए जाएं, अन्यथा फार्मेसी अधिनियम 1948 और फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन एक्ट के तहत मेडिकल स्टोर का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
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डिस्काउंट से होती थी नकली दवाओं की सप्लाई
भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ ने कहा, वे पिछले 5 साल से इस नियम को लागू कराने के लिए प्रयास कर रहे थे। इस दौरान देखने में आया कि इस भारी छूट के चलते कई बार नकली दवाओं की सप्लाई बाजार में होती थी। जो मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ था। नए नियम से पारदर्शिता बढ़ेगी और इसका सीधा फायदा आम लोगों को होगा। उन्होंने कहा, जो सामान्य डिस्काउंट पहले मिल रहा था, वह जारी रहेगा। इस आदेश से उस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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