MP Medical College Admission New Rules: इंदौर और विदिशा मेडिकल कॉलेजों में नीट काउंसलिंग के जरिए कोटे के फर्जी डॉक्यूमेंट्स सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने एडमिशन के नियमों को सख्त कर दिया है। अब एनआरआई कोटे के डाक्यूमेंट्स एंबेसी और फ्रीडम फाइटर कोटे के दस्तावेज कलेक्टर वेरिफाई करेंगे। उसके बाद ही एडमिशन दिया जाएगा।
दरअसल, नीट काउंसलिंग में एनआरआई और फ्रीडम फाइटर कोटे से होने वाले एडमिशन के नियमों को लेकर चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) ने नए आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे से एडमिशन लेने वाले हर छात्र के दस्तावेजों को अब एंबेसी से वेरिफाई कराना अनिवार्य होगा।
अब तक ऐसा होता आ रहा था
कई छात्र जो एनआरआई नहीं थे, वे भी इस कोटे का लाभ उठाकर एडमिशन ले लेते थे। एनआरआई कोटे में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डीएमई ने फैसला लिया है।
इन्हें मिलेगा कॉलेजों में एडमिशन
नए नियमों के अनुसार, एनआरआई कोटे का फायदा पात्र स्टूडेंट्स को ही मिलेगा। जो खुद एनआरआई हों, उनके बच्चे हों, या उनके संरक्षण में रहने वाले नाबालिग को एडमिशन दिया जाएगा।
कॉलेज लेवल पर भी वेरिफीकेशन
नए नियमों में एक छूट भी दी गई है, जिसमें दस्तावेजों का सत्यापन कॉलेज अपने स्तर पर ही कर सकेंगे। हालांकि, इसमें कॉलेज भी खरे नहीं उतर पाएंगे और गड़बड़ियां बढ़ जाएगी।
मेडिकल कॉलेजों को भेजा पत्र
फ्रीडम फाइटर कोटे के एडमिशन के लिए डीएमई ने सभी मेडिकल कॉलेजों को पत्र लिखा है। जिसमें संबंधित डीन को निर्देश दिए कि क्षेत्र के कलेक्टर से दस्तावेजों की जांच कराएं।
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फर्जी केस पर होगी कार्रवाई
फ्रीडम फाइटर कोटे के एडमिशन से पहले स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स कलेक्टर से वेरिफाई कराए जाएंगे। दस्तावेज फर्जी मिलने पर एडमिशन तुरंत रद्द करेंगे और स्टूडेंट्स पर कार्रवाई भी होगी।
यहां सामने आई गड़बड़ियां
- फ्रीडम फाइटर कोटे की कुल 66 सीटें।
- प्रदेश में इस कोटे की सभी सीटें भर गई।
- इनमें से 25 स्टूडेंट्स कॉलेजों में एडमिशन ले चुके हैं।
- भोपाल में जांच में विदिशा कॉलेज से जारी एक सर्टिफिकेट संदिग्ध मिला।
- इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कॉलेज में एक छात्र का सर्टिफिकेट फर्जी मिला।
- उसने बेलारूस की भारतीय एंबेसी का फर्जी एनआरआई सर्टिफिकेट लगाया था।
- जिस पर उसे कॉलेज में एडमिशन भी मिल गया था।
- बेलारूस की भारतीय ऐबंसी से वेरिफिकेशन पर सर्टिफिकेट फर्जी निकला।
- ऐसे में छात्र का एडमिशन रद्द करना पड़ा।
- जिस पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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