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हाइलाइट्स
मप्र के सात जिलों में लंपी वायरस का असर
सात जिलों में संक्रमण की पुष्टि
पशुपालन विभाग ने जारी किया अलर्ट
Lumpy Virus MP: मध्यप्रदेश में लंपी स्किन डिजीज (Lumpy Skin Disease) का संक्रमण एक बार फिर चिंता का कारण बन गया है। प्रदेश के सात जिलों में इस वायरस का असर तेजी से फैल रहा है। भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला (High Security Animal Disease Laboratory) में जांच के बाद लंपी वायरस की पुष्टि हुई है। इसके बाद पशुपालन विभाग ने पूरे प्रदेश के लिए अलर्ट जारी किया है और संक्रमित क्षेत्रों में टीकाकरण और रोकथाम की कार्रवाई शुरू कर दी है। लंपी वायरस से रोजाना औसतन 10 से 12 गौवंश की मौत इस बीमारी के कारण हो रही है।
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सात जिलों में लंपी वायरस का असर बढ़ा
राज्य के झाबुआ, रतलाम, बैतूल, बड़वानी, सिवनी, सागर और भोपाल जिलों में लंपी वायरस के मामले सामने आए हैं। पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. पी.एस. पटेल ने बताया कि अब तक प्रदेश के 23 जिले इस संक्रमण से प्रभावित हो चुके हैं। विभाग ने पशुपालकों से अपील की है कि वे तुरंत अपने पशुओं का टीकाकरण करवाएं और बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें ताकि संक्रमण का प्रसार रोका जा सके।
संक्रमण से बचाव के लिए जारी हुई एडवाइजरी
पशुपालन विभाग ने सभी जिलों को एडवाइजरी जारी करते हुए सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। विभाग की टीम प्रभावित इलाकों में जाकर टीकाकरण अभियान चला रही है। मुफ्त टीकाकरण (Free Vaccination) के साथ-साथ पशुपालकों को रोग से बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं। विभाग ने राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम भी बनाया है, जहां किसी भी पशुपालक को सहायता या जानकारी की जरूरत हो तो वह दूरभाष नंबर 0755-2767583 पर संपर्क कर सकता है।
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क्या है लंपी स्किन डिजीज (LSD)
लंपी स्किन डिजीज एक वायरस जनित रोग है जो मुख्य रूप से गोवंशीय पशुओं को प्रभावित करता है। यह बीमारी आमतौर पर वर्षा के मौसम में तेजी से फैलती है। संक्रमण की शुरुआत हल्के बुखार से होती है जो दो से तीन दिन तक रहता है। इसके बाद पशु के शरीर पर गोल गठानें उभर आती हैं। कई बार यह गठानें संक्रमित होकर घाव का रूप ले लेती हैं। इस बीमारी से दूध उत्पादन में भारी कमी आती है, गर्भपात और बांझपन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। गंभीर मामलों में पशु की मृत्यु भी हो सकती है।
कैसे फैलता है यह वायरस
लंपी वायरस मच्छर, काटने वाली मक्खी और किल्ली जैसे वाहकों के माध्यम से एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है। यह रोग छूने या दूध के जरिए नहीं फैलता, लेकिन संक्रमित पशु के आसपास रहना खतरा बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतर संक्रमित पशु दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाते हैं, हालांकि दूध उत्पादन में आई कमी लंबे समय तक बनी रहती है।
FAQs
1: लंपी वायरस (Lumpy Virus) क्या है और यह कैसे फैलता है?
लंपी स्किन डिजीज (LSD) एक वायरस जनित बीमारी है जो मुख्य रूप से गाय और भैंस जैसे गोवंशीय पशुओं को प्रभावित करती है। यह रोग मच्छरों, काटने वाली मक्खियों और किल्ली जैसे वाहकों के माध्यम से एक पशु से दूसरे में फैलता है। बरसात के मौसम में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है।
2: लंपी वायरस के लक्षण क्या हैं?
संक्रमित पशुओं में शुरुआत में हल्का बुखार होता है, इसके बाद शरीर पर गोल गठानें निकल आती हैं। कई बार यह गठानें घाव का रूप ले लेती हैं। इससे दूध उत्पादन कम हो जाता है, गर्भपात और बांझपन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। गंभीर स्थिति में पशु की मृत्यु भी संभव है।
3: इससे बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
पशुपालन विभाग ने पूरे प्रदेश में मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू किया है। संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखने, पशुशालाओं की सफाई करने और मच्छर-मक्खी नियंत्रण के उपाय अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही एक राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसका नंबर 0755-2767583 है।
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