Virendra Khatik Won Tikamgarh: टीकमगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के वीरेंद्र कुमार खटीक ने जीत हासिल की है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था. इस सीट पर बीजेपी के वीरेंद्र खटीक ने कांग्रेस ने पंकज अहिरवार को बड़े अंतर से हराया. वीरेंद्र खटीक ने यहां करीब 4 लाख 3312 वोटों से जीत हासिल की है. यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है.
चौथी बार सांसद बने वीरेंद्र कुमार खटीक
कांग्रेस ने इस सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा देर से की थी. साल 2009 से टीकमगढ़ लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से डॉ. वीरेद्र खटीक लगातार चौथी बार सांसद चुने गए हैं. वे 2009, 2014, 2019 के बाद अब चौथी बार भी जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं.
कांग्रेस नहीं कर पाई कमाल
एससी विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज अहिरवार को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में टीकमगढ़ से मैदान में उतारा था. वे विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट मांग रहे थे. लोकसभा में उन्हें टिकट मिला लेकिन वे कांग्रेस को जीत नहीं दिला पाए.
टीकमगढ़ सीट का इतिहास
साल 1952 से 1957 तक दो सांसद यहां से चुने जाते रहे. एक सीट सामान्य वर्ग के लिए और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी. सामान्य वर्ग से रामसहाय तिवारी और आरक्षित सीट से मोतीलाल को सांसद चुना गया. साल 1962 में फिर बदलाव किया गया और यहां से एक ही सांसद को चुना जाने लगा. कांग्रेस पार्टी की विद्यावती चतुर्वेदी और बीजेपी उमा भारती भी यहां से सांसद रहीं. साल 2008 के परिसीमन के बाद यह सीट खजुराहो से अलग हो गई. खजुराहो सामान्य वर्ग के लिए और टीकमगढ़ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई. साल 2009 में सबसे पहले बीजेपी के वीरेंद्र कुमार खटीक संसद के रूप में चुने गए. तब से लेकर वर्तमान तक वीरेंद्र खटीक यहां से सांसद थे और वे केंद्र सरकार में मंत्री रहे.
टीकमगढ़ में हैं इतने मतदाता, इतनी हुई वोटिंग
टीकमगढ़ संसदीय सीट पर 18 लाख 26 हजार 585 मतदाता हैं. इनमें 9 लाख 57 हजार 901 पुरुष और 8 लाख 68 हजार 653 महिला मतदाता हैं. ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 31 है. इस लोकसभा चुनाव में 10 लाख 96 हजार 23 मतदाताओं ने वोटिंग की. इनमें 6 लाख 6 हजार 642 पुरुष और 4 लाख 89 हजार 370 महिला मतदाताओं ने वोटिंग की. 11 ट्रांसजेंडरों ने भी मतदान किया. यहां कुल मिलाकर 60 फीसदी मतदान हुआ. पुरुषों का मतदान प्रतिशत 63.33 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 56.34 रहा.