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हाइलाइट्स
- जबलपुर लोकायुक्त की कार्रवाई, रिश्वतखोर JE और ऑपरेटर गिरफ्तार।
- ऑफिस में रिश्वत लेते पकड़े गए बिजली कंपनी के 2 कर्मचारी।
- बिजली मीटर लगवाने के नाम पर मांगी थी 7 हजार की रिश्वत।
Jabalpur JE Operator Rishwat Case Lokayukta Action: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की लगातार कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी पर पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है। लगभग हर दिन किसी न किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के रिश्वत लेते पकड़े जाने की खबर सामने आ रही है। इसके बावजूद सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का खेल खुलेआम जारी है।
ताजा मामला जबलपुर से सामने आया है जहां लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जबलपुर सिटी सर्किल के विजयनगर संभाग ऑफिस में पदस्थ जूनियर इंजीनियर और कंप्यूटर ऑपरेटर को 7 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। दोनों कर्मचारियों ने मीटर लगवाने के एवज में रिश्वत की डिमांड की थी।
बिजली मीटर लगाने के लिए मांगी रिश्वत
दरअसल, गोहलपुर अमखेरा के नर्मदा नगर निवासी गौरी शंकर यादव ने लोकायुक्त SP को शिकायत दी थी कि उन्होंने अपनी पत्नी सुमित्रा यादव के नाम पर मीटर लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया और शुल्क भी जमा कर दिया। इसके बाद जूनियर इंजीनियर वरुण दरबे और कंप्यूटर ऑपरेटर विनोद कोरी ने मीटर लगाने के नाम पर 8 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड की थी, इसके बाद में 7 हजार रुपए में मीटर लगाने पर सहमति जताई। मामले में शिकायत के बाद सत्यापन होने पर लोकायुक्त ने आरोपी कर्मचारियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
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रंगे हाथ पकड़े गए JE और ऑपरेटर
लोकायुक्त टीम ने शिकायतकर्ता को ट्रैप मनी देकर विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय भेजा। जैसे ही आरोपियों रिश्वत के पैसे लिए तो लोकायुक्त की टीम ने दबिश देकर कंप्यूटर ऑपरेटर और जूनियर इंजीनियर को रंगे हाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद ऑफिस में हड़कंप मच गया।
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मुकदमा दर्ज, फिर मुचलके पर रिहा
लोकायुक्त पुलिस ने मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। कागजी कार्रवाई के बाद दोनों को मुचलके पर रिहा कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान निरीक्षक उमा कुशवाहा, राहुल गजभिए और शशिकला मस्कुले समेत लोकायुक्त टीम के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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