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MP Liquor Smuggling Case: 'घोस्ट ट्रक' शराब तस्करी केस में बड़ा अपडेट, HC की फटकार के बाद SIT गठित

MP Liquor Smuggling case: 'घोस्ट ट्रक' शराब तस्करी केस में बड़ा अपडेट, HC की फटकार के बाद SIT गठित MP Liquor Smuggling case: 'घोस्ट ट्रक' शराब तस्करी केस में बड़ा अपडेट, HC की फटकार के बाद SIT गठित

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Preeti Dwivedi
MP-News

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MP liquor smuggling case: मध्य प्रदेश में शराब तस्करी का एक अपडेट सामने आया है, जिसे हाई कोर्ट की सख्त निगरानी में अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) जांचेगी। ‘घोस्ट ट्रक’ नाम से मशहूर हुए इस मामले में तस्करों और आबकारी विभाग के अफसरों की मिलीभगत सामने आई है। हाई कोर्ट (High Court)  के आदेश के बाद धार जिले के तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सिंह सांगर को सस्पेंड कर दिया गया है। इससे पहले भी दो अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है।

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हाई कोर्ट ने उठाए गंभीर सवाल, SIT करेगी स्वतंत्र जांच

इस मामले में डीजीपी के निर्देश पर गठित SIT की अध्यक्षता इंदौर (देहात) डीआईजी निमिष अग्रवाल करेंगे। टीम में आलीराजपुर एसपी राजेश व्यास और जोबट एडीओपी नीरज नामदेव सदस्य बनाए गए हैं। यह टीम सीधे हाई कोर्ट की निगरानी में काम करेगी और शराब तस्करी से जुड़े सभी अहम पहलुओं की जांच करेगी,

  • एक ही मामले में दो FIR क्यों दर्ज हुईं?
  • अस्थायी परमिट की प्रक्रिया में कैसे की गई अनियमितता?
  • क्या विभागीय मिलीभगत से हुआ यह घोटाला?
  • अवैध शराब को वैध बताने के लिए किस स्तर पर किया गया फर्जीवाड़ा?

अदालत में हुआ खुलासा, डेढ़ घंटे में बना दिया परमिट

यह मामला अक्टूबर 2024 का है, जब जोबट थाना क्षेत्रमें दो ट्रकों से 14,760 लीटर अवैध शराबपकड़ी गई थी। ड्राइवरों के पास कोई वैध परमिट नहीं था। लेकिन दो महीने बाद अदालत में अस्थायी परमिटपेश किए गए, जिनमें जब्त शराब से अलग बैच नंबरदर्ज थे।

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हाई कोर्ट में उपनिरीक्षक राजेंद्र सिंह चौहानने कबूल किया कि महज डेढ़ घंटे में परमिट जारी कर शराब ट्रांसफर कर दी गई थी। कोर्ट ने इस बयान को "अविश्वसनीय" मानते हुए अफसरों और तस्करों की साठगांठकी आशंका जताई और जांच के निर्देश दिए।

जिला अदालत को भी किया गया गुमराह

हाई कोर्ट ने पाया कि जिला न्यायालय को भी गलत तथ्य बताकर गुमराह किया गया। जब्त शराब के बैच नंबर और परमिट में दर्ज बैच नंबर मेल नहीं खाते थे, जिससे स्पष्ट होता है कि तस्करी को वैध ठहराने के लिए दस्तावेज़ों के साथ हेरफेर किया गया।

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