MP Liquor ban Kaal Bhairav: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के उज्जैन समेत 17 शहरों में शराब बंदी की घोषणा की है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि उज्जैन में काल भैरव भगवान को शराब का भोग लगने की परंपरा है। शराब बंदी के दौरान यहां शराब कैसे उपलब्ध होगी? हालांकि, संतों ने यहां शराब बंदी पर सवाल उठाते हुए कुछ मांगें की हैं।
काल भैरव को शराब का भोग लगाने की परंपरा
काल भैरव को शराब का भोग लगाने की परंपरा और सरकार द्वार उज्जैन में शराब बंदी को लेकर उज्जैन में नई बहस छिड़ गई है। इसके अलावा काल भैरव के भक्त भी चिंतित हैं कि शराब बंदी होने से अब भोग के लिए शराब कहां से लाएंगे? इसके लिए नई क्या व्यवस्था होगी?
श्रद्धालु मंदिर के पास की दो दुकानों से खरीदते हैं शराब
जानकारी के मुताबिक उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में शराब का भोग चढ़ाने की वर्षों पुरानी परंपरा है, और मंदिर के पास स्थित दो दुकानों से श्रद्धालु शराब खरीदकर इसे भगवान काल भैरव को अर्पित करते हैं।
भोग लगाते हैं, खुद भी सेवन करते हैं भक्त
मंदिर के सामने इन दुकानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शराब खरीदते हैं और बाद में प्रसाद के रूप में उसका सेवन भी करते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि धार्मिक नगरी में शराब बंदी तो लागू की जाएगी, लेकिन काल भैरव मंदिर में इस नियम को कैसे लागू किया जाएगा।
उज्जैन कलेक्टर ने क्या कहा?
उज्जैन में शराब बंदी के बाद अब काल भैरव पर भोग कैसे चढ़ेगा? उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं दिया है और इसे आबकारी नीति के तहत छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर फैसला अभी बाकी है और जब आदेश जारी होगा, तब आबकारी नीति के अनुसार ही काल भैरव मंदिर के आसपास शराब बंदी के आदेश पर विचार किया जाएगा।
संतो ने कहा- लोगों को सीमित मात्रा में ही मिले
उज्जैन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रामेश्वर दास महाराज ने कहा कि सरकार शराब बंदी लागू करे, लेकिन काल भैरव मंदिर में खास ध्यान देकर नई नीति बनाएं, ताकि लोग इसे सिर्फ चढ़ाने के उद्देश्य से ही खरीद सकें। साथ ही भक्तों को दुकान से शराब सीमित मात्रा में ही मिले।
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