रिपोर्ट- कमलेश सारडा
MP News: मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी नीमच में आढ़त प्रथा धड़ल्ले से चल रही है। किसानों को लूटा जा रहा है। किसानों की फसल बिकवाने के लिए ये आड़तिए दो प्रतिश्त कमीशन ले रहे हैं और ये काम मंड़ी में खुलेआम हो रहा है। एक किसान संगठन ने कलेक्टर और एसडीएम से शिकायत भी की है, लेकिन प्रशासन हरकत में नहीं आया है। उनका यह भी कहना है कि सरकारी मंडी तो कमीशन क्यों लिया जा रहा(MP News) है।
साल 1992 से बंद है आढ़त प्रथा
किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिले, इसे लेकर ही सरकार ने करीब 32 साल पहले, साल 1992 में आढ़त प्रथा पर रोक लगाई थी और मंडियों में नई व्यवस्था लागू की थी।
आढ़तिए किसानों से ले रहे 2 प्रतिशत कमीशन
इस सब के बावजूद नीमच कृषि उपज मंडी में आढ़तियों का दबदबा है। किसानों के मंडी में फसल लाते ही वे उन्हें घेर लेते हैं और मोल-तोल का भाव शुरू कर देते हैं। किसानों को बरगला कर उनकी फसल को जल्द बिकवाने के लिए 2 प्रतिशत का कमीशन खुलेआम ले रहे हैं। दूर दराज से आने वाले किसान मजबूरी में आढ़तियों के द्वारा फसल बेचने को मजबूर (MP News) हैं।
मंडी 10-15 आड़तिए सक्रिय
इस पूरे मामले में बंसल न्यूज डिजिटल की टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला मंडी में 10-15 आढ़तिए सक्रिय हैं, जो सुबह से ही मंडी में मंडराते रहते हैं और किसानों के बार-बार चक्कर ना काटने का प्रलोभन देकर झांसे में ले लेते हैं। प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी होने के कारण यहां धार, झालावाड़, शाजापुर, आगर-मालवा सहित प्रदेश और अन्य राज्यों के भी किसान फसल लेकर आते हैं। आजकल लहसन का सीजन और मंडी में सब तरफ लहसन दिखाई दे रहा है। किसान दूर दराज से बड़ी उम्मीद लेकर आते हैं और यहां आढ़तियों के चक्कर में फंस रहे हैं। मंडी के एक जानकार ने बताया कि अधिकतर किसानों ने लहसन की फसल आढ़त में लगा रखी (MP News) थी।
ज्यादा दाम, समय पर भुगतान का दे रहे झांसा
मंडी में आढ़तिए किसानों को ज्यादा दाम, समय पर तौल और भुगतान करवाने का प्रलोभन देकर फंसा लेते हैं और उनसे 2 प्रतिशत कमीशन पर बात पक्की कर लेते हैं। किसान लालच में आकर अपनी फसल पर कमीशन देने को मजबूर हो जाता है। बताते हैं ये आढ़तिए किसानों से सालाना करोड़ों रुपए ऐंठ रहे (MP News) हैं
‘कलेक्टर-SDM को भी शिकायत, आढ़तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो’
आढ़त प्रथा को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश संगठन मंत्री वीरेंद्र पाटीदार ने बताया कि आढ़त प्रथा बहुत बड़ी गंदगी है नीमच मंडी में। इसमें छोटे किसानों का सबसे ज्यादा मरना हो रहा है। आढ़त प्रथा बंद होना चाहिए। इसके लिए मैंने कलेक्टर और एसडीएम को अवगत कराया (MP News) है। एसडीएम मैडम को फोन किया था, वे मंडी की जिम्मेदार अधिकारी हैं। मंडी में 5-7 लोग हैं जो किसानों का बरगला रहे हैं। ये दो प्रतिशत का आढ़त ले रहे हैं। जब सरकारी मंडी है तो 2 प्रतिशत आढ़त किस बात की। इसमें राजेश गर्ग, पदम सिंह, पप्पू पंजाबी (अजय किराना स्टोर) और दो-चार लोग और हैं इस सिंडीकेट में।
उन्होंने बताया कि इस मंडी में 80 तरह जिंस बिकती हैं। आढ़तियों ने लहसन मंडी में तो हद से ज्यादा गंदगी फैला रखी है। आढ़ वालों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए, साथ में इनका लाइसेंस रद्द करना चाहिए।
इस मामले में मंडी सचिव से बात हुई तो उन्होंने कार्रवाई की बात कही है। मैं इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भी करूंगा और केंद्रीय कृषि मंत्री को भी (MP News) बताऊंगा।
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शिकायत होने पर व्यापारी का लाइसेंस रद्द करेंगे
इस मामले में मंडी इंस्पेक्टर समीर दास ने मंडी में आढ़त प्रथा को सिरे से नकार दिया। हालांकि, शिकायत होने पर व्यापारी का लाइसेंस रद्द करने की बात कही। भले ही मंडी इंस्पेक्टर आढ़त प्रथा नहीं चलने का जरूर दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत इन सब के उलट (MP News) है।
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