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MP में जज की बर्खास्तगी बरकरार: कोर्ट में पुलिसकर्मियों और वकीलों से लगवाई थी उठक-बैठक, HC ने निरस्त की याचिका

Madhya Pradesh Jabalpur Civil Judge Removal Case: हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कोर्ट रूम में पुलिस कर्मियों व वकीलों को कान पकड़कर उठक-बैठक कराने के आरोपित सिविल जज कौस्तुभ खेड़ा की बर्खास्तगी के आदेश को बरकरार रखा है।

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BP Shrivastava
. MP Judge Removal Case

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MP Judge Removal Case: जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने कोर्ट रूम में पुलिस कर्मियों और वकीलों को कान पकड़कर उठक-बैठक कराने के आरोपित सिविल जज कौस्तुभ खेड़ा की बर्खास्तगी के आदेश को बरकरार रखा है।

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हाईकोर्ट ने यह भी कहा

हाईकोर्ट ने खेड़ा की बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका निरस्त करते हुए आदेश में साफ किया कि बर्खास्तगी अनुशासनात्मक कार्रवाई के आधार पर नहीं, बल्कि परिवीक्षा के दौरान असंतोषजनक प्रदर्शन के आधार पर की गई थी। उन पर सिविल मामलों के निपटारे में आलस्य बरतने का आरोप लगा था।

कोर्ट ने कहा कि कदाचार के लिए दंडात्मक कार्रवाई करना एक बात है, और परिवीक्षा अवधि के दौरान प्रदर्शन के आधार पर यह संतुष्टि प्राप्त करना कि अधिकारी उपयुक्त अधिकारी बनेगा या नहीं, एक पूरी तरह से अलग बात है। दोनों के बीच बहुत अंतर है, और वर्तमान मामले में, यह उपरोक्त आदेशों और प्रस्तावों से विधिवत स्थापित होता है कि याचिकाकर्ता को बिल्कुल भी दंडित नहीं किया गया है और न ही निर्वहन आदेश, किसी भी दृष्टिकोण से, दंडात्मक प्रकृति का है।

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तीन स्तरीय प्रक्रिया अपनाई गई

दरअसल, खेड़ा को 2019 में न्यायिक अधिकारी नियुक्त किया गया था और आठ अगस्त, 2024 को हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति की अनुंशसा और 20 अगस्त, 2024 को फुल कोर्ट द्वारा अनुसमर्थन के बाद मध्य प्रदेश शासन द्वारा पांच सितंबर, 2024 को सेवा से मुक्त कर दिया गया था।

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Jabalpur High Court MP Judge Removal Kaustubh Khera
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