MP Police Corruption: मध्यप्रदेश के जबलपुर में लोकायुक्त पुलिस ने सिविल लाइन थाने में पदस्थ सब-इंस्पेक्टर (SI) को 5 हजार रुपए की घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के मुताबिक एसआई विनोद दुबे ने एक बाइक की खरीद-फरोख्त के मामले में केस से नाम हटाने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बाद में सौदा 5 हजार रुपए में सैटल हुआ। शिकायतकर्ता शुक्रवार दोपहर रिश्वत की राशि लेकर सिविल लाइन थाने पहुंचा, जहां लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एसआई को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
जबलपुर के रहने वाले जहांगीर खान पुरानी बाइकों की खरीद-बिक्री का काम करते हैं। उनकी शिकायत दर्ज कराई थी कि करीब एक महीने पहले, सिविल लाइन थाने में जहांगीर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। जिसमें बताया गया कि उसने एक ग्राहक की बाइक को ठीक करने के बजाय बेच दिया। मामले की जांच एसआई विनोद दुबे को सौंपी गई थी।
एसआई ने कई बार जहांगीर को थाने बुलाया और कहा कि उसके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले से बचने के लिए 10 हजार देने होंगे। उन्होंने कहा कि पैसे देने पर धाराएं कम कर दी जाएंगी और केस से उसका नाम हटा दिया जाएगा। करीब एक सप्ताह तक सौदेबाजी चलने के बाद, 5 हजार रुपए में मामला तय हुआ।
SI थाने में रंगे हाथों गिरफ्तार
जहांगीर ने रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त एसपी संजय साहू से की। शिकायत की जांच के बाद, शुक्रवार को आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई गई। थाने में काम के दौरान, एसआई विनोद दुबे ने जैसे ही 5 हजार रुपए लिए लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
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लोकायुक्त ने एसआई की वर्दी भी जब्त की
लोकायुक्त पुलिस की गिरफ्त में आए एसआई विनोद दुबे के रिटायरमेंट में केवल डेढ़ साल का समय बचा है। बताते हैं, आरक्षक से एसआई बने विनोद दुबे कई बार विवादों में रहे हैं।
रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद एसआई विनोद दुबे के खिलाफ अब विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गिरफ्तारी के बाद, लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें सर्किट हाउस नंबर-2 ले जाकर उनकी वर्दी भी जब्त की।
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