Advertisment

MP High Court: छात्रसंघ चुनाव न होने पर HC सख्त, कहा- छात्र राजनीति के बिना पिछड़ जाएगा प्रदेश, 3 हफ्ते में मांगा जवाब

जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में 2017 से रुके छात्रसंघ चुनावों पर चिंता जताते हुए सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को फटकार लगाई है। अदालत ने 16 विश्वविद्यालयों को 3 हफ्ते में जवाब देने को कहा है, अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

author-image
Vikram Jain
MP High Court: छात्रसंघ चुनाव न होने पर HC सख्त, कहा- छात्र राजनीति के बिना पिछड़ जाएगा प्रदेश, 3 हफ्ते में मांगा जवाब

MP Student Union Elections: मध्य प्रदेश में वर्ष 2017 से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए है, एमपी में 8 साल से बंद छात्र संघ चुनाव को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ ने राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि छात्रों को नेतृत्व करने का अवसर नहीं दिया गया, तो राज्य राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व की दौड़ में पीछे रह जाएगा।

Advertisment

2017 से बंद हैं छात्रसंघ चुनाव

NSUI के सेक्रेटरी अधिवक्ता अदनान अंसारी द्वारा 2024 में दाखिल याचिका दायर की गई थी। जिसमें बताया गया कि साल 2017 से छात्रसंघ चुनाव बंद हैं। 2025‑24 के शैक्षणिक कलेण्डर में छात्रों के चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक कोई नियुक्ति या चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।

16 विवि को बनाया गया प्रतिवादी

शुरुआत में यह याचिका केवल रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय तक सीमित थी, लेकिन अब इसे संशोधित करके प्रदेश की सभी 16 शासकीय विश्वविद्यालयों को इसमें शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार से पत्राचार और धरना प्रदर्शन के बाद जब न्याय नहीं मिला, तो उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

अब तक नहीं बनी स्टूडेंट बॉडी

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के कैलेंडर में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को सितंबर 2025 से पहले छात्र संघ का गठन करना अनिवार्य है। इसके बावजूद न तो कोई अधिसूचना जारी की गई और न ही चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत की गई है।

Advertisment

हाईकोर्ट में बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता छात्र राजनीति से निकले हैं, अतः नेतृत्व विकसित करने का मौका न देना राज्य और छात्रों दोनों के लिए हानिकारक है।

अदालत ने 3 सप्ताह में मांगा जवाब

कोर्ट ने चुनावों को लेकर सभी 16 विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे तीन सप्ताह में छात्रसंघ चुनाव और कार्यकारिणी गठन से संबंधित जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 5 अगस्त 2025 को होगी।

दोनों छात्र संगठन चुनाव के पक्ष में

NSUI और ABVP दोनों ने चुनाव समर्थन में आवाज उठाई है। ABVP इसे छात्र नेतृत्व के विकास की मिसाल बताते हैं, जबकि NSUI का आरोप है कि सरकार इस प्रक्रिया को रोककर कई विवादों को दबाने की कोशिश कर रही है। NSUI के सचिन रजक का कहना है कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए चुनाव से भाग रही है।

Advertisment

हाईकोर्ट की सख्ती ने प्रदेश के लाखों छात्रों में नई उम्मीदें जगा दी हैं, जो लंबे समय से छात्रसंघ चुनाव और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पहले प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर सकारात्मक रुख जाहिर कर चुके हैं। अब कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद माना जा रहा है कि छात्र संघ चुनाव इस शैक्षणिक सत्र में कराए जाने की पूरी संभावना है।

ऐसी ही ताजा खबरों के लिए बंसल न्यूज से जुड़े रहें और हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
Jabalpur High Court CM Mohan Yadav Rani Durgavati University MP student union elections MP universities NSUI petition ABVP support MP student leadership MP universities elections delay Student leadership MP Student politics Court orders student union Acting Chief Justice Sanjeev Sachdeva Justice Vinay Saraf
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें