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MP High Court: जान का दुश्मन बनता DJ साउंड; HC ने सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 1 महीने में माँगा जवाब

MP High Court: भोपाल में DJ साउंड से बच्चे की मौत; HC ने सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) से 1 महीने में माँगा जवाब

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Preeti Dwivedi
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MP High Court News: प्रदेश में डीजे का तेज साउंड, लाउड स्पीकर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। कई जगहों पर डीजे का साउंड तय लिमिट को पार कर रहा है। बीते दिनों इसी के चलते भोपाल में एक मासूम की मौत हो गई ​थी।

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इस मामले में मध्यप्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने  चिंता जताई है।  एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट (High Court)  ने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक महीने में जवाब मांगा है।

गौरतलब है बीते दिनों भोपाल में दुर्गा विसर्जन के दौरान डीजे के तेज साउंड के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1849309429558100022

हाईकोर्ट ने एक माह में मांगा जबाव

आपको बात दें बीते दिनों प्रदेश में ध्वनि प्रदूषण के मामले बढ़ रहे हैं। डीजे साउंड से बच्चे की मौत हो गई थी। जिस पर एक जनहित याचिका लगाई गई। इस मामले में हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है।

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जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से 4 सप्ताह यानी एक महीने के अंदर इसके समाधान और संभावित उपाय बताने को कहा है।

इतना होना चाहिए साउंड

आपको बता दें इस मामले में वकील आदित्य संधी ने भोपाल में तेज साउंड के कारण बच्चे की मौत की घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ऐसी घटनाएं होना काफी दुखद है, बुजुर्गों के साथ हो ऐसी समस्याएं आती रही है, लेकिन अभी तक इन घटनाओं को साउंड पॉल्यूशन से जोड़कर नहीं देखा गया है।

उन्होंने कोर्ट के समक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) की एक रिपोर्ट भी पेश की। जिसमें उन्होंने बताया कि डीजे या लाउड स्पीकर का ध्वनि स्तर 65 डेसीबल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

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धड़ल्ले से चल रहे 100 डेसीबल से ज्यादा के डीजे

65 डेसीबल से ज्यादा डीजे का साउंड होता है तो ये स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। इसके बावजूद भी प्रदेशभर में 100 डेसीबल से ज्यादा तीव्रता की आवाज वाले लाउड स्पीकर और डीजे का धड़ल्ले से बजाए जा रहे हैं।

[caption id="attachment_686539" align="alignnone" width="889"]mp-high-jabalpur-court mp-jabalpur-high-court[/caption]

जांच आने के बाद फिर होगी सुनवाई

आपको बता दें डीजे के इतने तेज जानलेवा साउंड के बाद भी कोई भी एजेंसी न इसकी जांच करती है, न ही इन पर सख्त कार्रवाई की जाती है, लेकिन अब इस मामले में इस जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकार और केंद्र व राज्य के प्रदूषण बोर्ड से जबाव मांगा है। अब इसकी जांच सामने आने के बाद हाईकोर्ट एक बार फिर से सुनवाई करेगा।

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भोपाल में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण यहां पर

आपको बता दें मप्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की (1 अप्रैल से 30 सितंबर 2023 व 2024) की रिपोर्ट के एनालिसिस के अनुसार
भोपाल की हमीदिया रोड पर सबसे ज्यादा नॉइज पॉल्यूशन है।

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इंडस्ट्रियल एरिया से ज्यादा हमीदिया रोड पर ध्वनि प्रदूषण

रिपोर्ट के अनुसार हमीदिया रोड पर बीते 6 महीने में सबसे ज्यादा अगस्त में औसतन 68 डेसीबल तक ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है। जो बीते साल से 3 डेसीबल ज्यादा था।

बीते साल यहां घ्वनि प्रदूषण 65 डेसीबल था। जो कि इंडस्ट्रियल एरिया गोविंदपुरा के ध्वनि प्रदूषण से भी अधिक है। अगस्त और सितंबर में शोर का स्तर फिर से 68 और 67 डेसीबल तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहा है।

बैरागढ़ में सबसे कम नॉइज पॉल्यूशन 49 डेसिबल दर्ज किया गया। तो वहीं 2023 में पर्यावरण आवासीय स्तर पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर 51 से 55 डेसीबल के बीच रहा।

2024 में ध्वनि प्रदूषण का स्तर

क्षेत्रअप्रैलमईजूनजुलाईअगस्तसितंबर
गोविंदपुरा (इंडस्ट्रियल एरिया)585757534952
हमीदिया रोड (कमर्शियल)666664596867
पर्यावरण परिसर (साइलेंट जोन)545854545353
बैरागढ़ (रेसीडेंशियल)665757534952

2023 में ध्वनि प्रदूषण का स्तर

क्षेत्रअप्रैलमईजूनजुलाईअगस्तसितंबर
गोविंदपुरा (इंडस्ट्रियल एरिया)595857565655
हमीदिया रोड (कमर्शियल)656666656565
पर्यावरण परिसर (साइलेंट जोन)555453525251
बैरागढ़ (रेसीडेंशियल)676767676666

सीएम बनते ही सख्त हुए थे मोहन यादव

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेते ही मोहन यादव 14 दिसंबर 2023 को लाउडस्पीकर अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों को लेकर निर्देश दिये थे। जिसके बाद गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों व अन्य स्थानों में ध्वनि प्रदूषण को लेकर विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए थे। आदेश में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के आधार पर ध्वनि प्रदूषण नियंत्रित करने की बात भी कही गई थी। जिसके बाद मस्जिद, मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर लगे कानफोड़ू लाउडस्पीकर और डीजे पर कार्रवाई शुरू की गई थी।

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