Advertisment

MP ITI Dual Certificate: एमपी में अब 9वीं से ही आईटीआई कर सकेंगे स्टूडेंट्स, 10वीं पास करते ही मिलेगी नौकरी

एमपी में पहली बार छात्र 9वीं कक्षा से ही ITI कोर्स कर सकेंगे। इससे 10वीं पास करते ही उनके पास रोजगार का विकल्प होगा। आगे पढ़ाई चाहें तो 12वीं तक डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं, या सीधे इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में प्रवेश ले सकेंगे।

author-image
Vikram Jain
MP ITI Dual Certificate: एमपी में अब 9वीं से ही आईटीआई कर सकेंगे स्टूडेंट्स, 10वीं पास करते ही मिलेगी नौकरी

MP ITI Dual Certificate NCVET Recognition: मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है... एमपी सरकार ने शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार कक्षा 9वीं के साथ ही आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) कोर्स की शुरुआत की है। इस अनोखी योजना के तहत छात्र अपनी स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी प्राप्त कर सकेंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि छात्र जब 10वीं कक्षा पास करेंगे, तो उनके पास एक मान्यता प्राप्त आईटीआई डिप्लोमा (Industrial Training Institute) भी होगा, जिससे उन्हें सीधे नौकरी पाने का अवसर मिल सकेगा।

Advertisment

इतना ही ट्रेंड स्टूडेंट्स को रूस में नौकरी (Russia Placement) का मौका भी मिल सकेगा, जहां वे बढ़िया सैलरी पा सकेंगे। यदि छात्र नौकरी की बजाय आगे पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं, तो वे 12वीं तक डिप्लोमा पूरा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इस कोर्स को पूरा करने वाले छात्र सीधे इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष (लेटरल एंट्री) में प्रवेश के लिए पात्र होंगे। यह योजना 2025–26 शैक्षणिक सत्र से लागू कर दी गई है।

8 ट्रेड में मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण

इस योजना के अंतर्गत छात्र स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ आठ प्रमुख ट्रेड्स में आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। इनमें ईवी मैकेनिक (इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नीशियन), प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मेसन (राजमिस्त्री), ड्रेस डिजाइनिंग, स्विंग टेक्नोलॉजी, वायरमैन और रेफ्रिजरेशन एवं एसी तकनीशियन शामिल हैं।

publive-image

क्या है नया ‘ड्युअल सर्टिफिकेट कोर्स’

मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने तकनीकी शिक्षा की दिशा में अनूठी पहल की शुरुआत की है, जिसमें 9 वीं और 10वीं के साथ आठ ट्रेडों में ITI कोर्स कराए जाएंगे। इससे छात्र दो साल में नौकरी योग्य बनेंगे या उच्च शिक्षा की ओर बढ़ सकेंगे।

Advertisment

राज्य ओपन स्कूल के निदेशक प्रभातराज तिवारी ने बताया कि नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (NCVET) ने देश के पांच बोर्डों को "ड्युअल अवार्डिंग बॉडी" के रूप में मान्यता दी है। इसका अर्थ यह है कि ये बोर्ड अब न केवल अपना पारंपरिक शैक्षणिक प्रमाण-पत्र जारी कर सकेंगे, बल्कि NCVET के साथ मिलकर व्यवसायिक प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र भी प्रदान कर सकेंगे।

एक साथ दो कोर्स की सुविधा

निदेशक तिवारी ने आगे बताया कि यह पहल छात्रों को एक ही समय में दो अलग-अलग क्षेत्रों में योग्यता पाने का मौका देती है, एक ओर शैक्षणिक शिक्षा और दूसरी ओर व्यावसायिक कौशल। इससे उन्हें दोहरी मान्यता प्राप्त होगी, जो न सिर्फ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसरों के लिए भी तैयार करेगी।

इस नई प्रणाली के तहत, छात्र अब कक्षा 9वीं और 10वीं की पढ़ाई करते हुए आईटीआई कोर्स भी कर सकेंगे। इस मॉडल को "ड्युअल सर्टिफिकेट कोर्स" नाम दिया गया है। इसका लाभ यह होगा कि छात्रों को एक ही समय में स्कूल शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण दोनों का अनुभव मिलेगा।

Advertisment

जब छात्र 10वीं कक्षा पास करेंगे, तब उनके पास आईटीआई डिप्लोमा भी होगा। यदि वे आगे पढ़ाई जारी रखना चाहें, तो 11वीं और 12वीं के साथ-साथ डिप्लोमा भी पूरा कर सकेंगे। इस तरह छात्र अपनी पढ़ाई के दौरान ही व्यावसायिक रूप से दक्ष बनकर तैयार होंगे।

publive-image

रूस में नौकरी का अवसर, 1 से 1.5 लाख तक की कमाई

इस योजना के तहत प्रशिक्षित छात्रों को विदेश में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने रूस में स्थित भारतीय दूतावास के साथ चर्चा की है, जहां कुशल कारीगरों की भारी मांग है। ईवी मैकेनिक, मेसन और अन्य तकनीकी पेशों के लिए योग्य छात्रों को रूस में नौकरी का अवसर मिल सकता है, जहां उन्हें 1 से 1.5 लाख रुपए तक मासिक वेतन मिलने की संभावना है।

रूस में ITI पास युवाओं की भारी डिमांड

राज्य ओपन स्कूल के निदेशक प्रभातराज तिवारी ने जानकारी दी कि ओपन स्कूल की रूस स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से चर्चा हो चुकी है। जिसमें रूस में करीब 1.5 लाख कुशल मेसन (राजमिस्त्री) की तत्काल आवश्यकता सामने आई है। (Russia job offers)

Advertisment

उन्होंने बताया कि आईटीआई डिप्लोमा प्राप्त भारतीय युवाओं के लिए रूस में रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हैं। यह साझेदारी छात्रों के लिए न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर के नए द्वार खोलेगी, बल्कि उन्हें अपने तकनीकी कौशल का वैश्विक स्तर पर उपयोग करने का भी मंच प्रदान करेगी।

publive-image

शिक्षामंत्री के विधानसभा क्षेत्र से पायलट प्रोजेक्ट शुरु

मध्यप्रदेश सरकार की ड्युअल कोर्स योजना की पायलट शुरुआत शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह के विधानसभा क्षेत्र गाडरवाड़ा के साईंखेड़ा स्थित शासकीय स्कूल से की जा रही है। इस स्कूल को राज्य का पहला मॉडल आईटीआई सेंटर बनाया जा रहा है, जहां आठों तकनीकी ट्रेड्स के लिए अत्याधुनिक लैब स्थापित की जा रही हैं।

प्रैक्टिकल-थ्योरी का संतुलित फॉर्मेट

इस मॉडल आईटीआई में 100 छात्रों के लिए आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। यहां विद्यार्थियों को अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों का गहन प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वे व्यावसायिक रूप से पूरी तरह दक्ष बन सकें।

publive-image

ऑनलाइन पढ़ाई और ऑफलाइन ट्रेनिंग 

इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा क्षेत्र के 300 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थी 9वीं और 10वीं की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई कोर्स भी कर सकेंगे। सामान्य स्कूली विषयों की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से होगी, जबकि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग साल में दो बार 15–15 दिन के सत्रों में दी जाएगी।

छात्रों को आईटीआई बिल्डिंग के छात्रावास में ठहराया जाएगा और इन 15–15 दिन के प्रशिक्षण शिविरों के दौरान हर दिन 12 घंटे का ट्रेनिंग शेड्यूल तय किया गया है, ताकि उन्हें अधिक से अधिक व्यावहारिक ज्ञान मिल सके।

ये खबर भी पढ़ें...आयुष्मान भारत कार्डधारकों के लिए नई सुविधा, मोबाइल पर मिलेगा इलाज का रिकॉर्ड और खर्च की जानकारी

योजना के तहत फीस के नियम

आईटीआई कोर्स की सामान्य फीस जहाँ ₹25,000 होती है, वहीं इस योजना के तहत छात्र केवल ₹15,000 में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आर्थिक तंगी के कारण कोई भी छात्र तकनीकी शिक्षा से वंचित न रहे।

जो छात्र यह राशि देने में असमर्थ हैं, उनके लिए बॉन्ड सिस्टम की व्यवस्था की गई है। ऐसे छात्रों से एक प्रामाणिक बॉन्ड भरवाया जाएगा, जिसके तहत वे कोर्स पूरा करने के बाद एक वर्ष का सेवा कार्य करेंगे। इस सेवा के माध्यम से उनकी फीस की प्रतिपूर्ति हो जाएगी। यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि हर इच्छुक छात्र को अवसर मिले, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।

उज्जैन और सारंगपुर में भी शुरू होगी योजना

राज्य ओपन स्कूल के निदेशक प्रभातराज तिवारी ने बताया कि 'वोकेशनल एजुकेशन फॉर ड्रॉपआउट्स स्कीम' के प्रणेता भारत सरकार के पूर्व तकनीकी सचिव रघुराम राजेंद्रन हैं। इसी योजना के तहत मध्यप्रदेश ओपन स्कूल बोर्ड, जो देश के छह मान्यता प्राप्त बोर्डों में शामिल है, अब गाडरवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है।

इस प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर योजना को अगली चरण में उज्जैन की दक्षिण विधानसभा और राजगढ़ के सारंगपुर क्षेत्र में लागू किया जाएगा। छात्रों की रुचि और भागीदारी ही योजना के विस्तार की दिशा तय करेगी। हाल ही में संपन्न राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की 45वीं कार्यकारिणी बैठक में इस योजना को औपचारिक मंजूरी दी गई है और इसके क्रियान्वयन के लिए ₹4.5 करोड़ का बजट भी स्वीकृत किया गया है।

हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
MP news MP Education News Industrial Training Institute ITI Dual Certificate NCVET MP ITI MP dual certificate ITI with 9th class NCVET recognition vocational education MP Education Minister Uday Pratap Singh India Russia job offers Gadarwara pilot ITI dual awarding body Students will be able to do ITI from class 9th onwards multi‑entry exit policy youth skill development
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें