MP Integrated Township Policy 2025: मध्यप्रदेश के नागरिकों को शहरों से बाहर बसाने की तैयारी चल रही है। जिससे प्रदेश के कुछ शहरों का दायरा पहले से अधिक बढ़ जाएगा। यह पूरा होगा वर्क टू वॉक कॉन्सेप्ट के जरिए। जहां टाउनशिप में शिक्षा, इलाज, मार्केट और मनोरंजन समेत सभी सुविधाएं होंगी। ये सब इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी-2025 में होगा। मध्यप्रदेश सरकार ने इसके नियम जारी कर दिए हैं।
करीब सात महीने पहले मध्यप्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआईएस) कराया था, जिसमें इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी-2025 की घोषणा की थी। जिसका ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने अब ड्राफ्ट को जारी किया है।
अभी नियम लागू करने में लगेगा समय
मध्यप्रदेश सरकार ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी-2025 के नियमों के लिए दावे-आपत्तियां मांगी है। जिसका निराकरण करने के बाद जरूरत पड़ी तो ड्राफ्ट में संशोधन किया जाएगा। जिसके बाद नियम को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
क्यों जरूरी ऐसे टाउनशिप प्रोजेक्ट्स
दरअसल, शहर के बाहर अधिकांश आवासीय कॉलोनियों में वादा करने के बाद भी डेवलपर्स बिजली, पानी, सड़क, गार्डन जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पाते है। जिस वजह से अब लोग ऐसे किसी भी लुभावने वादों के झांसे में आने या बसने से बच रहे है।
7 महीने में तैयार किया गया ड्राफ्ट
नियम में कौनसे डेवलपर्स होंगे पात्र ?
– टाउनशिप डेव्हलप करने के लिए नियमों में डेवलपर्स का कुछ क्राइट एरिया तय किया है।
– जिसमें 5 करोड़ रुपए से कम नेटवर्थ वाले डेवलपर्स शामिल नहीं हो पाएंगे।
– 6 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले डेवलपर्स 10 से 20 हेक्टेयर की टाउनशिप के लिए पात्र होंगे।
– 12 करोड़ रुपए के टर्नओवर वाले डेवलपर्स 20 से 40 हेक्टेयर की टाउनशिप के लिए पात्र होंगे।
– इसके लिए सालाना नेटवर्थ कम से कम 10 करोड़ रुपए होना चाहिए।
– डेवलपर्स को अपना यह टर्नओवर पिछले पांच साल का जोड़कर दिखाना होगा।
9 साल में ऐसे तैयार होंगे टाउनशिप
- टाउनशिप को तीन चरणों में विकसीत किया जाएगा।
- मंजूरी मिलने के तीन साल में पहला चरण पूरा करना होगा।
- हर चरण को पूरा करने में तीन साल का समय लगेगा।
- ऐसे में एक टाउनशिप लगभग 9 साल में तैयार होगा।
ऐसे मंजूर होंगे टाउनशिप के प्रोजेक्ट्स
टाउनशिप की मंजूरी के लिए साधिकार समिति बनाई जाएगी। नगरीय विकास व आवास विभाग अधिकारी अध्यक्ष होंगे। जिला स्तर पर कलेक्टर जिम्मेदारी संभालेंगे। जिन्हें डेवलपर्स आवेदन कर सकेंगे। 15 दिन में प्रोजेक्ट्स पर निर्णय लिया जाएगा।
इन शहरों पर लागू होगी ये पॉलिसी
इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी-2025 प्रदेश के सभी जिलों के लिए नहीं है। यह पॉलिसी उन शहरों में लागू होगी, जहां की आबादी 5 लाख से अधिक है। इनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और सागर जैसे शहरों के आउटर में मिनी शहर बसेंगे।
50% हिस्से में लगाने होंगे छायादार पेड़
– हर शहर में कम से कम 50 एकड़ जमीन पर टाउनशिप विकसित किया जा सकेगा।
– जहां की मुख्य सड़क कम से कम 24 मीटर चौड़ाई बनाई जाएगी।
– यह सड़क पहले से विकसित आवासीय क्षेत्र के मुख्य मार्गों से कनेक्ट होंगी।
– टाउनशिप के 25 प्रतिशत हिस्से में पार्क और हरियाली के लिए रिजर्व रखने होंगे।
– 50% से अधिक हिस्से में छायादार और स्थानीय प्रजाति के पेड़ लगाने होंगे।
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