Indore News: इंदौर में महिला एवं बाल विकास की टीम ने एक महिला भिखारी को रेस्क्यू किया। उसके पास से 75 हजार रुपये नकद मिले है। दरअसल, कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर को भिक्षा वृत्ति मुक्त करने को लेकर निर्देश दिए है। इस पर महिला व बाल विकास विभाग अभियान चला रहा है।
शहर में चल रहा भिक्षा मुक्ति अभियान
इस अभियान में 300 से ज्यादा भिखारियों को उज्जैन के सेवा धाम में पुनर्वास के लिए भेजा जा चुका है। इस बीच बुधवार को महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी दिनेश मिश्रा और उनकी टीम ने राजवाड़ा और बड़ा गणपति में रेस्क्यू अभियान चलाया गया।
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महिला के पास से मिले 74768 रुपये
इस दौरान महिला को शनि मंदिर के सामने पकड़ा। जांच में उसके पास से 74,768 रुपये मिले। भिक्षुक महिला शनि मंदिर और जैन मंदिर से आसपास के क्षेत्रों में भिक्षा मांगलती है। उसके पास से एक से लेकर 500 रुपये तक के नोट मिले हैं। महिला ने कहा कि यह उसकी एक हफ्ते की कमाई है। इतनी रकम वो भीख मांगकर इकट्ठा कर लेती है। उसे रेस्क्यू कर उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा गया है।
दिन में भीख और रात को होटल में आराम
इससे पहले अक्टूबर में भिखारियों की एक गैंग सामने आई थी। इंदौर पुलिस ने ऐसे गुट को पकड़ा था, जो दिनभर भीख मांगते और रात में होटल में जाकर आराम करते थे। ग्रुप के सभी लोग राजस्थान से इंदौर आए थे। पुलिस ने गैंग के 22 लोगों को राजस्थान वापस भेज दिया है।
राजस्थान भेजे गए भिखारियों में 11 महिलाएं और 11 बच्चे थे, जो दिनभर शहर में भीख मांगकर रात को होटल में चले जाते थे। दरअसल, महिला एवं बाल विकास परियोजना के अधिकारी दिनेश मिश्रा को जानकारी मिली कि कुछ महिलाएं और छोटे बच्चे 56 दुकान के पास भीख मांग रहे हैं।
सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और 11 लोगों को रेस्क्यू किया। पूछताछ में जानकारी मिली की गैंग में 22 लोग है। मामले की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी गई। इसके बाद सभी को वापस राजस्थान भेजा गया।
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स्कूल बस से महिला गिरी, बच्चों के चिल्लाने पर रुकी
एरोड्रम क्षेत्र में एक प्राइवेट स्कूल बस से महिला कर्मचारी गिर गई। हादसा ड्राइवर की लापरवाही के कारण हुआ। ड्राइवर ने अचानक बस मोड़ दी। जिससे दरवाजे के पास खड़ी महिला का कंट्रोल बिगड़ गया। महिला के गिरने के बाद बच्चों के चिल्लाने पर ड्राइवर ने बस रोकी। इसके बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया।
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