हाइलाइट्स
- मानव अधिकार आयोग ने दर्ज किया प्रकरण
- अधिकारियों से एक माह के अंदर जवाब तलब
- एनजीटी ने भी दिया है बड़ा आदेश
Action on Harda Blast: हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में सरकार के साथ-साथ दूसरी एजेंसियां भी एक्शन में आ गई है। एमपी ह्यूमन राइट्स कमीशन (मानव अधिकार आयोग) ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS), पुलिस महानिरीक्षक (IG) नर्मदापुरम और आयुक्त (Commissioner) नर्मदापुरम से 15 बिंदुओं पर जानकारी (Action on Harda Blast) मांगी है। वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कहा है कि फैक्ट्री मालिक मृतकों को 15—15 लाख का मुआवजा दे।
आयोग ने स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज किया प्रकरण
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग (Human Rights Commission) के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने हरदा हादसे पर स्वतः संज्ञान लेते हुये आयोग में प्रकरण पंजीबद्ध (Action on Harda Blast) किया है। एसीएस गृह विभाग, नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नर और आईजी से एक महीने के अंदर जवाब तलब किया है।
आयोग ने पूछा- पेटलावाद हादसे से क्या लिया सबक
ह्यूमन राइट्स कमीशन ने अधिकारियों से पूछा है (Action on Harda Blast) कि इस घटना के पूर्व पेटलावद में हुई इसी प्रकार की विस्फोट घटना के बाद शासन द्वारा प्रदेश के सभी पटाखा फैक्ट्री के संबंध में क्या कोई विशेष सुरक्षात्मक दिशा निर्देश जारी किये गये थे। यदि हां तो उन पर क्या कार्रवाई हुई।
इन बिंदुओं पर मांगी जानकारी
1. पटाखा फैक्ट्री में हुए ऐसे विस्फोट की घटना के कारण की क्या परिस्थितियां रही हैं?
2. पटाखा फैक्ट्री में घटना के समय कितने मजदूर कार्यरत थे और उनमें से कितने मजदूर प्रभावित हुए हैं?
3. पटाखा फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों को श्रम कानूनों के अंतर्गत सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा था या नहीं?
4. पटाखा फैक्ट्री के आसपास जो मकान क्षतिग्रस्त हुए उनके पुर्नस्थापित करने की क्या कार्रवाई प्रस्तावित है?
5. नष्ट हुई सम्पति के संबंध में आर्थिक मुआवजा राशि दिये जाने के संबंध में क्या नीतिगत निर्णय लिये गए?
6. घटना में कितने व्यक्तियों की मृत्यु हुई है और उनके उत्तराधिकारियों को शासन द्वारा कितना मुआवजा राशि दी गई?
7. घटना में गंभीर रूप से और साधारण रूप से कितने व्यक्ति घायल हुए, उनके इलाज की क्या व्यवस्थाएं की गई?
8. पटाखा फैक्ट्री के संचालकों के विरूद्ध श्रम कानूनों के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही अथवा प्रस्तावित कार्यवाही की जानकारी?
9. अधिकारियों द्वारा दो सालों में कब-कब निरीक्षण किया गया था, क्या अनियमिताएं पायी गई और उन पर क्या कार्रवाई हुई?
10. पटाखा फैक्ट्री के संचालन हेतु नियत स्थान क्या उपयुक्त था? भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं रोकने हेतु क्या योजना है?
एनजीटी ने ये दिया आदेश
हरदा में हुए ब्लास्ट हादसे पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT ने आदेश जारी (Action on Harda Blast) कर कहा है कि घटना में बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं। इसके साथ ही 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
60 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। साथ ही 100 से ज्यादा घरों को खाली कराना पड़ा। ऐसे में न्यूनतम राहत देने की जरूरत है। इसका फैक्ट्री मालिक तत्काल भुगतान कर पीड़ितों को मुआवजे के रूप में राशि जमा कराएं।
NGT ने आदेश (Action on Harda Blast) दिए कि मृतकों के परिजनों को 15 लाख रूपए, जलने वाले और गंभीर चोट लगने वाले लोगों को 5 लाख रुपए और सामान्य चोट लगने वाले लोगों पर 3 लाख दिए जाएं।
वहीं, घर जलने पर 5 लाख रुपए प्रति घर के हिसाब से क्षतिपूर्ति की जाए और जिनके घर खाली कराए गए हैं, उन्हें 2 लाख रुपए देने का कहा है।
पूरा अमाउंट फैक्ट्री मालिक के द्वारा जमा कराया जाएगा। यह राशि जिला पर्यावरण मुआवजा निधि के खाते में जमा कराना होगा।