Gratuity Payment Case. एक पूर्व आदेश की अवहेलना मामले में एमपी हाईकोर्ट ने छतरपुर कलेक्टर पर सख्त टिप्पणी की है। हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने कलेक्टर छतरपुर पार्थ जायसवाल को 10 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल छतरपुर के रहने वाले देवकीनंदन वर्मा ने ग्रेच्युटी ट्रिब्यूनल (Gratuity Payment Case) में एक याचिका लगाई थी। इस मामले में याचिकाकर्ता के पक्ष में ग्रेच्युटी भुगतान (Gratuity Payment Case) का आदेश दिया था। इसे लेकर आरआरसी भी जारी की गई थी, जिसका निष्पादन कलेक्टर को करवाना था।
कलेक्टर ने नहीं किया आदेश का पालन
हालांकि, इस मामले में कलेक्टर ने आदेश का पालन नहीं किया। जिसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने 7 अगस्त को कलेक्टर को उक्त आदेश का पालन कर रिपोर्ट भी पेश करने को कहा था।
हाईकोर्ट ने जताई नाराजागी
मामले में सुनवाई के दौरान न रिपोर्ट पेश हुई और न ही कलेक्टर हाजिर हुए। इस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई। अब छतरपुर कलेक्टर को 10 सिंतबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं।
60 दिन में होना था भुगतान
याचिकाकर्ता के वकील अभय पांडे ने बताया कि, हाईकोर्ट ने 14 अक्टूबर 2024 को छतरपुर कलेक्टर पार्थ जायसवाल को आदेश जारी किए थे, इसके मुताबिक 60 दिन के भीतर याचिकाकर्ता को ग्रेच्युटी (Gratuity Payment Case) की राशि का भुगतान सुनिश्चित कराना था।
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