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MP High Court Decision: सीनियर एडवोकेट पर महिला ने करवाई झूठी FIR, बोली-बच्ची से किया रेप, कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

MP HC Advocate Fake Fir Decision: कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के खिलाफ झूठी एफआईआर मामले में अहम फैसला सुनाया है। शिकायतकर्ता महिला के खिलाफ FIR के निर्देश दिए हैं।

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BP Shrivastava
MP High Court Decision

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MP HC Advocate Fake Fir Decision : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट पर रेप के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मामले को झूठा पाया और शिकायतर्ता महिला के खिलाफ FIR के निर्देश दिए हैं। महिला ने दो साल पहले एडवोकेट पर बच्ची से रेप की थाने में शिकायत की थी। जिसमें वकील के खिलाफ पास्को और रेप की एफआईआर हुई थी।

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महिला अन्य के खिलाफ भी करा चुकी झूठी रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक, जिस महिला ने एक सीनियर एडवोकेट पर पास्को और रेप की एफआईआर करवाई थी। वह पहले भी कई लोगों के खिलाफ ब्लैकमेल की नीयत से कई झूठी रिपोर्ट करवा चुकी है।

झूठी FIR मामले में महिला पर कार्रवाई के निर्देश

हाईकोर्ट जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के खिलाफ हुई एफआईआर को भी निरस्त कर दिया है। बुधवार,17 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने रीवा एसपी को निर्देश दिए हैं कि फर्जी शिकायत करने वाली महिला के खिलाफ पास्को एक्ट की धारा 22(1) और बीएनएस की धारा 240 व 248 के तहत कार्रवाई की जाए।

महिला आदतन ब्लेकमेलर

सीनियर वकील की ओर से याचिका दायर की गई थी। जिसमें उनकी ओर से सीनियर एडवोकेट अनिल खेर, सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ ने पैरवी की। उन्होंने
हाईकोर्ट को बताया गया कि जिस महिला ने उनके (सीनियर एडवोकेट) खिलाफ रीवा के सिविल लाइन और अंतरैला थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। वह इससे पहले भी रीवा के अलग-अलग लोगों के खिलाफ अपनी दो बेटियों के माध्यम से शिकायत कर चुकी है। जांच में यह भी पाया गया है कि जिस महिला ने सीनियर एडवोकेट के खिलाफ अपनी दो साल की बच्ची के साथ रेप करने की शिकायत दर्ज करवाई है। वह महिला आदतन ब्लेकमेलर है, जो रुपए के लिए इस तरह का कृत्य करती है।

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केस नहीं लेने पर की एडवोकेट पर करवाई FIR

याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि 15 मई 2024 को शिकायतकर्ता महिला उनके हाईकोर्ट ऑफिस में एक आपराधिक मुकदमा दायर करने के लिए आई पहुंची थी। जूनियर एडवोकेट ने केस को लिया। मुकदमा तैयार करते समय सीनियर एडवोकेट ने जब रिकॉर्ड का अवलोकन किया तो पता चला कि जो महिला उनके आफिस में केस लेकर आई है, इससे पहले भी वह कई लोगों के विरुद्ध शिकायतें कर चुकी थी। जिसके चलते उन्होंने महिला के केस की पैरवी करने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर महिला ने 30 नवंबर 2024 को सीनियर एडवोकेट के खिलाफ लज्जा भंग करने की झूठी एफआईआर जबलपुर सिविल लाइन थाने में दर्ज करवाई, जिसे पुलिस ने जांच में गलत पाया।

दूसरी FIR में बच्ची से रेप की कहानी बनाई

महिला ने दूसरी शिकायत रीवा के सिविल लाइन और अंतरैला थाने में सीनियर एडवोकेट के खिलाफ की। जिसमें महिला ने कहा, 20 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 15 के सामने याचिकाकर्ता ने उसकी 2 वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।

रीवा पुलिस ने सीनियर एडवोकेट के खिलाफ पास्को और अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली।
एफआईआर को लेकर एडवोकेट ने रिट याचिका हाईकोर्ट में दायर की और बताया कि जिस तारीख में महिला उनके ऊपर रेप करने का आरोप लगा रही है, उस दिन वह जबलपुर नहीं सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में थे, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का पंच कार्ड और फ्लाइट की टिकट भी बतौर सबूत कोर्ट के सामने पेश की।

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महिला के बारे में यह भी जानें

हाईकोर्ट को बताया गया कि इससे पहले भी शिकायतकर्ता महिला ने अपने मकान मालिक के 13 साल के बेटे पर रेप की एफआईआर दर्ज करवाई थी। महिला की दो बेटी हैं। एक 12 साल की और दूसरी 2 साल की। बड़ी बेटी ने जब मां की बात मानने से इनकार कर दिया तो छोटी बेटी की शिकायत को लेकर उपयोग करना शुरू कर दिया।

महिला अभी तक 6 से अधिक लोगों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवा चुकी है। सीनियर एडवोकेट की तरफ से कोर्ट को बताया कि गया कि जनवरी से वह लगातार ब्लेकमेल कर रही थी।

अन्य साक्ष्य तलाशे, आरोप गलत पाए

महिला ने सीनियर एडवोकेट पर आरोप लगाया था कि उन्होंने हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 15 के पास उसकी दो साल की बच्ची के साथ रेप किया था, लिहाजा पुलिस ने हाईकोर्ट के गेट से लेकर आसपास के तमाम सीसीटीवी फुटेज खंगाले, इसके साथ ही गेट पर लगे सुरक्षा कर्मचारियों से भी पूछताछ की।

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हाईकोर्ट ने यह भी ताकीद किया

सीनियर एडवोकेट के ऊपर लगे तमाम आरोप गलत पाए, जिसके बाद जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट के खिलाफ हुई एफआईआर को रद्द कर दिया। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में यह महिला अगर ऐसी कोई शिकायत करती है, तो कठोर कार्रवाई करने से पहले प्रारंभिक जांच कर संतुष्टि कर ली जाए।

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