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2 महीने में टीचर्स की भर्ती की जाए: हाई स्कूल शिक्षक भर्ती को लेकर HC का बड़ा फैसला, जानें कोर्ट ने क्या निर्देश दिए

Madhya Pradesh Jabalpur High Court Teacher Recruitment Case Update: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जबलपुर खंडपीठ ने हाई स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 को लेकर अहम फैलसा सुनाया है।

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BP Shrivastava
MP Teacher Recruitment 2025

हाइलाइट्स

  • हाई स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 मामले में HC का अहम फैसला
  • कोर्ट ने सरकार से कहा- नियमों में संशोधन कर दोबारा भर्ती की जाए
  • पद नहीं है तो अतिरिक्त पद क्रिएट कर याचिकाकर्ताओं की भर्ती की जाए
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MP Teacher Recruitment 2025: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने हाई स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 को लेकर अहम फैलसा सुनाया है। जिसमें कोर्ट ने सरकार को नियमों में संशोधन कर दोबारा भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा, पद नहीं हैं तो अतिरिक्त पद क्रिएट कर याचिकाकर्ताओं की भर्ती जाए।

हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश

बता दें, हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को इस मामले में दो महीने में भर्ती प्रक्रिया करने के निर्देश हैं। दरअसल, हाई स्कूल शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में SC, ST, OBC और हैंडिकैप्ड को कोई भी छूट नहीं दी गई थी। जबकि छूट का प्रावधान नियमों में था। इसके अलावा याचिका में ये भी आरोप लगाया गया था कि SC, ST और OBC कैंडिडेट्स को शैक्षणिक योग्यता में छूट नहीं दी गई थी। जो कि संविधान और संबंधित नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

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हाईकोर्ट ने एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यंगों को योग्यता में 5 प्रतिशत की छूट प्रदान करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि 2018 की चयन प्रक्रिया में नियुक्त हुए कैंडिडेट्स को प्रभावित नहीं किया जाए। वहीं 2023 की चयन प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार पूरक चयन प्रक्रिया अपनाए और उन सभी कैंडिडेट्स को उसमें शामिल करे, जो इस आदेश के तहत लाभ पाने के हकदार हैं। कोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया दो माह के भीतर करने के निर्देश दिए।

याचिका में यह भी कहा गया

याचिका में यह भी कहा गया कि सरकार ने NCT (National Council for Teacher Education) के नियमों का उल्लंघन किया गया है। जिनके अनुसार 2011 से पहले पास होने वाले कैंडिडेट्स के लिए 45% अंक का प्रावधान है। जबकि SC, ST और OBC कैंडिडेट्स को 5% की छूट दी जानी चाहिए।

सैकड़ों कैंडिडेट्स ने याचिका दायर की थी याचिका

भिंड निवासी अवनीश त्रिपाठी सहित प्रदेश के सैकड़ों अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर शिक्षक भर्ती नियम 2018 को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर, वृंदावन तिवारी, सत्येंद्र ज्योतिषी, शिवांशु कोल, रमेश प्रजापति व अन्य ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सरकार ने उक्त भर्ती के लिए बीएड के साथ पोस्ट ग्रेजुएट में द्वितीय श्रेणी की योग्यता निर्धारित की थी। कोर्ट को बताया गया कि इससे उम्मीदवारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में कुछ विश्वविद्यालयों ने 45 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना है, जबकि कुछ ने 50 फीसदी अंकों को इस श्रेणी में रखा है। इस कारण कई उम्मीदवार प्रभावित हो रहे थे। हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि एनसीटीई द्वारा सीनियर सेकंडरी कक्षाओं के लिए निर्धारित योग्यताएं मध्य प्रदेश में हाई स्कूल शिक्षकों के लिए लागू होंगी।

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