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MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: शिक्षक भर्ती से जुड़े 3 मामलों में कैंडिडेट्स को राहत, TET 2020 पास और गेस्ट टीचर्स होंगे खुश

MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक TET 2020, अधिकतम आयु सीमा विवाद और अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र के मामले में कैंडिडेट्स को राहत दी है।

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Rahul Garhwal
MP हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: शिक्षक भर्ती से जुड़े 3 मामलों में कैंडिडेट्स को राहत, TET 2020 पास और गेस्ट टीचर्स होंगे खुश

हाइलाइट्स

  • मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
  • TET 2020 पास कैंडिडेट्स को राहत
  • अतिथि शिक्षकों को भी बड़ी राहत
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MP Shikshak Bharti: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती से जुड़े तीन अहम मामलों में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों को राहत प्रदान की।

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के बड़े फैसले

प्राथमिक शिक्षक TET 2020 पास अभ्यर्थियों को चयन परीक्षा 2024 में शामिल होने की अनुमति।

अधिकतम आयु सीमा विवाद में राहत।

अतिथि शिक्षक बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन कर सकेंगे।

प्राथमिक शिक्षक TET 2020 पास अभ्यर्थियों को राहत

बुरहानपुर की याचिकाकर्ता आकांक्षा और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह तर्क दिया कि TET 2023 की नियम पुस्तिका (Rulebook) के अनुसार, 2018 के बाद आयोजित किसी भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की वैधता आजीवन होगी। इसके बावजूद मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) ने प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में TET 2020 पास अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किया।

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याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने कोर्ट को अवगत कराया कि 2023 की नियम पुस्तिका के क्लॉज 7.4 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 2018 और उसके बाद की TET परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी।

हाईकोर्ट का आदेश

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलील से सहमति जताते हुए अंतरिम राहत प्रदान की और आदेश दिया कि TET 2020 पास अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा 2024 में आवेदन कर सकते हैं और परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उनकी नियुक्ति अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी।

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अधिकतम आयु सीमा में छूट पर राहत

विदिशा के याचिकाकर्ता अरविंद रघुवंशी और अन्य ने भर्ती विज्ञापन दिनांक 31.12.2024 की धारा 6.2 को चुनौती दी थी, जिसमें अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष तय की गई थी। याचिकाकर्ता का तर्क था कि उन्होंने 2018 में पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जब उनकी आयु 39 वर्ष थी और वर्तमान में उनकी आयु 41 वर्ष है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 18.09.2022 के अनुसार अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट मिलनी चाहिए, जिससे उनकी आयु 43 वर्ष तक स्वीकार्य होनी चाहिए।

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हाईकोर्ट का आदेश

अंतरिम राहत प्रदान करते हुए याचिकाकर्ताओं को भर्ती परीक्षा में आवेदन और भाग लेने की अनुमति दी गई।

अतिथि शिक्षक बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए भर सकेंगे फॉर्म

टीकमगढ़ के याचिकाकर्ता शैलेन्द्र यादव और अन्य ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यह तर्क दिया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) ने भर्ती प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड करने से छूट देने का अन्यायपूर्ण निर्णय लिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि अतिथि शिक्षक पहले ही सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे चुके हैं और अनुभव प्रमाण पत्र की अनिवार्यता न होना भर्ती प्रक्रिया में भेदभावपूर्ण स्थिति उत्पन्न करता है।

हाईकोर्ट का आदेश

अंतरिम राहत देते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि अतिथि शिक्षक बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन कर सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई तक यह आदेश प्रभावी रहेगा।

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[caption id="attachment_780219" align="alignnone" width="613"]mp high court मध्यप्रदेश हाईकोर्ट[/caption]

हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत

प्राथमिक शिक्षक पात्रता TET 2020 पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में शामिल होने की अनुमति।

अधिकतम आयु सीमा में छूट के मामले में राहत।

अतिथि शिक्षक बिना अनुभव प्रमाण पत्र अपलोड किए आवेदन कर सकेंगे।

तीनों मामलों को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया गया है।

फैसले का बड़ा असर

मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया। अतिथि शिक्षक मामले में न्यायमूर्ति द्वारकाधीश बंसल की एकल पीठ ने राहत दी। प्राथमिक शिक्षक पात्रता TET 2020 पास अभ्यर्थी, जो अब तक भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे थे, अब आवेदन कर सकते हैं। उम्र सीमा के कारण भर्ती प्रक्रिया से वंचित किए गए कई अभ्यर्थियों को भी राहत मिली है। अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन प्रक्रिया अब सरल हो गई है।

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में यह फैसला एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा अधिवक्ता धीरज तिवारी की प्रभावशाली पैरवी ने दिलाई राहत तीनों ही मामलों में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी ने पैरवी की और कोर्ट को यह समझाने में सफल रहे कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (ESB) द्वारा लागू किए गए नियम न केवल भर्ती नियमों के खिलाफ हैं, बल्कि अभ्यर्थियों के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन कर रहे हैं। इस फैसले से प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों को राहत मिली है, जो वर्षों से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे थे।

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