MP High Court On Reservation: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिव्यांग कोटे में प्रावधान के बावजूद रिजर्वेशन न दिए जाने को लेकर सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार जवाब दे नहीं तो हम JAD के अधिकारियों को कोर्ट बुलाएंगे।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि दिव्यांग शासकीय कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 4 नबंवर को होगी।
जवाब दें या कोर्ट में पेश हों
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वे दिव्यांग अधिकारी कर्मचारी संघ की याचिका पर अगली सुनवाई तक जवाब पेश करें, नहीं तो जनसंपर्क विभाग (जीएडी) के अधिकारी को अदालत में हाजिर होने के लिए कहा जाएगा। याचिका में दिव्यांगों को सीधी भर्ती और प्रमोशन में आरक्षण के लाभ की मांग की गई है, जैसा कि विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 36 में प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिव्यांगों को आरक्षण के लिए किया है साफ
सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई निर्णयों में दिव्यांगों को प्रमोशन में आरक्षण के लाभ के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को विकलांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम के तहत अपने राज्यों में नियम बनाने के लिए कहा था। राजस्थान सरकार ने इस अधिनियम के तहत नियम बनाकर दिव्यांगों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ देना शुरू कर दिया है।
2017 में एमपी में बने नियम लेकिन प्रमोशन का जिक्र नहीं
मध्य प्रदेश सरकार ने 2017 में नियम बनाए थे, लेकिन उन्होंने केवल सीधी भर्ती में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था, प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया था। इस संबंध में दिव्यांग अधिकारी कर्मचारी संघ ने विभाग को एक अभ्यावेदन दिया था, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने अदालत में याचिका दायर की।
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