MP High Court On Awara Pashu: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें गोवंश को खुला छोड़ने वालों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। इस याचिका पर कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सुनवाई की और राज्य शासन, पशुपालन विभाग, एनएचएआई, टीकमगढ़ कलेक्टर सहित अन्य को 26 सितंबर को सुनवाई के लिए तलब किया है।
सरकार से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने टीकमगढ़ निवासी स्वामी देव स्वरूपानंद द्वारा दायर कि गई जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि गोवंश की दयनीय स्थिति से सनातनियों की आस्था को गहरी चोट पहुंच रही है, क्योंकि उनके धर्म में गोवंश को माता का दर्जा प्राप्त है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, 33 कोटी देवी-देवता गोमाता में निवास करते हैं। इसके बावजूद, बेसहारा गोवंश यहां-वहां घूमते रहते हैं। और कई बार सड़क के बीच में भी पड़े रहते हैं जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
26 सितंबर को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने गोवंश की दुर्दशा से संबंधित मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य शासन, पशुपालन विभाग, एनएचएआई, टीकमगढ़ कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
इन तरीकों से अवारा पशुओं की समस्या हो सकती है कम
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की है कि जो लोग गोवंश को खुला छोड़ देते हैं, उनपर केस दर्ज होना चाहिए। याचिका में यह सुझाव भी दिया गया कि ऐसे गोवंश की सुरक्षा के लिए अभ्यारण्य या गोवंश विहार केन्द्र बनाए जाएं। इन केन्द्रों में गोवंश के लिए पर्याप्त खान-पान व इलाज की सुविधा दी जाए।