MP High Court News: कटनी में बरगी परियोजना की टनल का काम 15 साल में भी पूरा नहीं हो पाया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इसके लिए शासन को 4 हफ्ते का वक्त दिया है।
15 साल में भी नहीं बन पाई टनल
कटनी के रहने वाले दिव्यांशु मिश्रा की ओर से अधिवक्ता वरुण तन्खा ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने 2008 में बरगी परियोजना की दायीं तट नहर में स्लीमनाबाद के पास करीब 12 किलोमीटर लंबाई की टनल बनाने का प्रस्ताव पारित किया। प्राधिकरण ने टेंडर में ये शर्त रखी कि इसका निर्माण 40 महीने (25 जुलाई 2011) में पूरा करना है। उन्होंने दलील दी कि 15 साल बीतने के बावजूद टनल का काम अभी भी अधूरा है। अब भी करीब 2 किलोमीटर की टनल बनाना बाकी है।
14 करोड़ 50 लाख का हुआ पेमेंट
हाईकोर्ट (MP High Court News) को बताया गया कि टनल का ये प्रोजेक्ट 800 करोड़ रुपए का था। इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया गया। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अभी तक इस प्रोजेक्ट के तहत ठेकेदार को 14 करोड़ 50 लाख का भुगतान किया जा चुका है। इतना ही नहीं इतने सालों में प्रोजेक्ट के तहत कई अन्य टेंडर जारी करके अतिरिक्त भुगतान भी किया गया, जो अनुचित है।
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इन्हें बनाया पक्षकार
याचिका में मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता, एनवीडीए कटनी के कार्यकारी अभियंता, ठेकेदार मेसर्स स्यु कंस्ट्रक्शन लिमिटेड हैदराबाद और मेसर्स फलौदी कंस्ट्रक्शन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड इंदौर को पक्षकार बनाया गया है।
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