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वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में फिर पेंच: इन कैंडिडेट्स के लिये 2 महीने के अंदर दोबारा होगी चयन परीक्षा, HC ने दिया आदेश

Warg 1 Shikshak Bharti: एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बेंच ने फैसला सुनाया है।

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Rahul Sharma
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Warg 1 Shikshak Bharti: वर्ग 1 शिक्षक भर्ती 2023 में फिर पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। एमपी हाईकोर्ट ने कोविड-19 के कारण उम्र की छूट के पात्र उम्मीदवारों के मामलों की सुनवाई करते हुए 2 महीने के अंदर दोबारा चयन परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है।

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विभाग प्रथम काउंसलिंग के अंतिम चरण में है। डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन हो चुका है, च्वाइस फीलिंग भी हो गई है। सिर्फ ज्वाइनिंग लेटर भर जारी होने हैं। ऐसे में करीब दो हजार से अधिक उम्मीदवारों के लिये दोबारा चयन परीक्षा के आयोजन का मतलब मेरिट डिस्टर्ब होना है।

ऐसे में विभाग के सामने ये दिक्कत होगी कि समान अंक आने पर वह किसे नौकरी देगा? पहले चयन परीक्षा से मेरिट में आने वाले उम्मीदवार को या कोर्ट के आदेश पर दोबारा आयोजित होने वाली चयन परीक्षा में कटआफ नंबर लाने वाले उम्मीदवार को नौकरी मिलेगी!

सरकारी वकील साबित नहीं कर सके अपने तर्क

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील इस स्थिति पर विवाद करने में असमर्थ रहे कि उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए टीईटी 2018 में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के लिए कोई और चयन परीक्षा आयोजित नहीं की गई थी और जिन्हें 1 दिसंबर 2022 तक नियुक्ति दी गई थी (जिस तारीख को नियमों में संशोधन किया गया था)। निर्विवाद रूप से, 1 दिसंबर 2022 तक की सभी नियुक्तियाँ बिना किसी अलग भर्ती परीक्षा के की गई थीं।

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याचिकाकर्ता के वकील का ये रहा पक्ष

एमपी हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकील की दलील में दम पाया। जिसमें ये कहा गया कि टीईटी 2018 के परिणामों की घोषणा के बाद नियुक्ति के लिए आयोजित बार-बार की गई प्रक्रियाएँ कुछ और नहीं, बल्कि नियुक्ति के लिए मात्र काउंसलिंग प्रक्रियाएं थीं, क्योंकि आगे कोई चयन परीक्षा कभी आयोजित नहीं की गई थी।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1846968453909061703

इन राउंड के लिए इन नोटिसों को “विज्ञापन” के रूप में शीर्षक दिया जा सकता है, लेकिन ये किसी भी नई रिक्तियों के लिए विज्ञापन नहीं थे, बल्कि उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए टीईटी 2018 को अधिसूचित करने के समय घोषित लगभग 17000 रिक्तियों को भरने के लिए केवल बार-बार किए गए राउंड थे।

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हाईकोर्ट की बेंच ने ये पाया

बेंच ने ये पाया कि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले 3 वर्षों से भर्ती परीक्षाओं को नियमित रूप से विज्ञापित नहीं किया गया है और इसलिए, राज्य "अगले पहले विज्ञापन" के लिए अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट देगा।

यह उन रिक्तियों के लिए है जो कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार विज्ञापित की जा रही हैं। उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए टीईटी 2018 को कोविड-19 महामारी से पहले अधिसूचित और आयोजित किया गया था।

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चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

एमपी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बेंच ने दो महीने के अंदर ऐसे उम्मीदवारों के लिये दोबारा चयन परीक्षा आयोजित करने के लिये कहा है जिन्होंने परीक्षा की तारीख से पहले याचिका दायर करने के बावजूद चयन परीक्षा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी।

बता दें कि ऐसे उम्मीदवारों की संख्या करीब दो हजार के आसपास हो सकती है। इस एक अकेले मुद्दे (Warg 1 Shikshak Bharti) पर ही 61 याचिकाएं हाईकोर्ट में लगी हुई थीं।

MP High Court Order Warg 1 Shikshak Bharti 2023 Selection Test चयन परीक्षा दोबारा आयोजित करने के निर्देश
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