MP High Court Jabalpur, Fund Proposal for Madrasas: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिए हैं कि वह प्रदेश के मदरसों के लिए फंड उपलब्ध कराने हेतु केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे। इस संबंध में न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ ने राज्य सरकार को 90 दिनों का समय दिया है।
योजना के तहत मिलना था अनुदान
भोपाल स्थित कौमी उर्दू शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अफसर खान और सचिव कफील खान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि केंद्र सरकार ने मदरसों में आधुनिक औपचारिक शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा’ (एसपीक्यूईएम) योजना लागू की थी। इस योजना के तहत 60 प्रतिशत फंड केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार को देना था।
2017 से बाधित शिक्षण कार्य
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि वर्ष 2017 से फंड की अनुपलब्धता के कारण मदरसों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसी प्रकार, हाल ही में उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने भी स्कीम संचालन के लिए फंड उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
सरकार को दिए कई अभ्यावेदन
संघ की ओर से बताया गया कि फंड की मांग को लेकर कई बार राज्य सरकार को अभ्यावेदन सौंपे गए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद वर्ष 2023 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह निर्देश जारी किए हैं।
MP High Court के फैसले से UPSC अभ्यर्थियों को भी राहत, अब EWS को मिलेगी आयु सीमा में छूट
MP High Court, UPSC Exam 2025: UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE)-2025 और मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा 2024 से जुड़े मामलों में जबलपुर हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों से EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 साल की आयु सीमा छूट और 9 अटेम्प्ट का लाभ मिलेगा।
कपिल सिब्बल ने EWS अभ्यर्थियों को दिलाई राहत
UPSC CSE-2025 में आवेदन की योग्यता और आयु सीमा को लेकर दायर याचिका में, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष पैरवी की और 10 फरवरी 2025 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें अधिवक्ता धीरज तिवारी द्वारा की गई प्रभावी पैरवी का ज़िक्र था। पढ़ें पूरी खबर..