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MP हाईकोर्ट ने कलेक्टर पर लगाया भारी जुर्माना: गलत कार्रवाई से बेगुनाह को काटनी पड़ी 1 साल की जेल, दबाव में NSA लगाया !

Shahdol Collector Fine: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल कलेक्टर पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बेगुनाह पर गलत तरीके से कार्रवाई करने कारण कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

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BP Shrivastava
Shahdol collector fine

हाइलाइट्स

  • शहडोल कलेक्टर पर दो लाख का जुर्माना
  • हाईकोर्ट ने मानी कलेक्टर की लापरवाही
  • मुख्य सचिव से जवाब तलब किया गया
Shahdol Collector Fine: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल कलेक्टर पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। बेगुनाह पर गलत तरीके से कार्रवाई करने कारण कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। साथ ही मुख्य सचिव (Chief Secretary) से इस मामले में जवाब मांगा है। मामला 9 सितंबर 2024 का है।
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दरअसल, ब्यौहारी तहसील के हीरामणि के बेटे सुशांत बैस के खिलाफ शहडोल कलेक्टर ने NSA की कार्रवाई की थी। इस ऑर्डर की वजह से उसे 1 साल जेल में रहना पड़ा था। इस मामले में कोर्ट ने कलेक्टर की लापरवाही मानी है। साथ ही जमानत की राशि पीड़ित युवक के खाते में डालने के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर और ACS की कार्यप्रणाली को लेकर मुख्य सचिव से मांगा जवाब हैं।

कलेक्टर की लापरवाही सामने आई

जानकारी के मुताबिक,सीधी जिले की ब्यौहारी तहसील के हीरामणि के बेटे सुशांत बैस के खिलाफ शहडोल कलेक्टर ने एक साल पहले NSA की कार्रवाई की थी। इस आदेश की वजह से उसे 1 साल जेल में रहना पड़ा था। इस मामले में कोर्ट ने कलेक्टर की लापरवाही मानी है। साथ ही जमानत की राशि पीड़ित युवक के खाते में डालने के आदेश दिए हैं।

कलेक्टर- ACS की कार्यप्रणाली पर CS से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने शहडोल कलेक्टर और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) की कार्य प्रणाली को लेकर चीफ सेक्रेटरी से जवाब मांगा है। कलेक्टर के साथ एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने भी गलत जवाब दिया था।

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माइनिंग माफिया के दबाव में NSA लगाने का आरोप

याचिकाकर्ता के वकील रामेंद्र पाठक ने बताया कि शहडोल कलेक्टर ने रेत ठेकेदारों के प्रभाव में आकर नियम कानून की धज्जियां उड़ाकर मनमाना आदेश पारित कर दिया था। 9 सितंबर 2024 को जब युवक ADJ कोर्ट से जमानत पर रिहा हुआ, तो उसे देवलोंद थाना के SHO ने बताया कि उसके खिलाफ NSA की कार्रवाई हुई है। अब तुम्हें सेंट्रल जेल रीवा जाना होगा।

कलेक्टर ने गलती मानी

पाठक ने आगे बताया कि कोर्ट में 23 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कलेक्टर और एसपी को 24 अक्टूबर को उपस्थित होने के लिए कहा था। इसके बाद तय तारीख पर दोनों कोर्ट में उपस्थित हुए थे जिसमें कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने गलती स्वीकार की।

शहडोल कलेक्टर ने निकाला था गलत आदेश

एसपी के प्रतिवेदन में जिस नीरज कांत द्विवेदी का उल्लेख था, उसकी जगह उन्होंने सुशांत बैस के खिलाफ NSA का ऑर्डर पारित कर दिया था। कोर्ट ने माना की कलेक्टर ने गलती की तो स्टेट ऑथॉरिटी ने बिना वेरिफाई किए एक्स्टेंड कैसे कर दिया ? एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने गलत चीजें पेश की थी। जिस पर हमने काउंटर एफिडेविट फाइल किया था। जवाब में कलेक्टर ने गलत तथ्य पेश किए थे और झूठी जानकारी देकर गलत एफिडेविट पेश किया था।

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