हाइलाइट्स
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मध्यप्रदेश के 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
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इंदौर में तीन मंजिला मकान ढहा, राजगढ़ में युवक लापता
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भोपाल, उज्जैन और ग्वालियर में रिकॉर्ड तोड़ बरसात
MP Heavy Rain Alert: मध्यप्रदेश में मानसून का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव (Active) होने के कारण एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं। शनिवार को राजधानी भोपाल में सुबह से लगातार तेज बारिश हो रही है। इंदौर के अम्मार नगर, खजराना इलाके में नाले किनारे बना तीन मंजिला मकान गिर गया। वहीं, राजगढ़, नीमच और उज्जैन में कारें पानी के बहाव में बह गईं। राजगढ़ में एक युवक लापता है। हालात बिगड़ने पर इंदिरा सागर समेत पांच डैम (Dam) के गेट खोलने पड़े।
वहीं भारी बारिश के बीच शनिवार (06 सितंबर) को 10:30 बजे भदभदा डैम के गेट खोल दिया गया। पहले एक-एक करके दो गेट खोले गए, जिसमें से एक को बाद में बंद कर दिया गया। यह पिछले 23 सालों में पहली बार है जब सितंबर महीने में भदभदा के गेट खोले गए हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए उज्जैन, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, झाबुआ, धार, शाजापुर, राजगढ़, गुना और श्योपुर जिलों में हैवी रेन (Heavy Rain) का अलर्ट जारी किया है। यहां ढाई से साढ़े चार इंच तक बारिश हो सकती है। इंदौर में शनिवार को हल्की बारिश की संभावना जताई गई है जबकि उज्जैन समेत 12 जिलों में भारी बारिश के आसार हैं।
शुक्रवार को 20 जिलों में हुई बारिश
शुक्रवार को उज्जैन में ढाई इंच और इंदौर में डेढ़ मिमी बारिश दर्ज की गई। शिवपुरी में एक इंच बारिश हुई। इसके अलावा भोपाल, दतिया, गुना, ग्वालियर, नर्मदापुरम, रतलाम, सिवनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, बड़वानी, श्योपुर, विदिशा और मुरैना में हल्की बारिश का दौर जारी रहा।
पांच बड़े शहरों का हाल देखिए…
जिला | अब तक हुई बारिश (इंच में) | इतनी होनी थी बारिश (इंच में) | कम/ज्यादा (इंच में) |
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भोपाल | 37.58 | 33.07 | 4.51 ज्यादा |
इंदौर | 28.97 | 29.26 | 0.29 कम |
जबलपुर | 41.40 | 38.78 | 2.61 ज्यादा |
ग्वालियर | 45.71 | 24.35 | 21.36 ज्यादा |
उज्जैन | 28.34 | 30.76 | 2.42 कम |
भोपाल में सितंबर की बारिश ने बनाया नया रिकॉर्ड
भोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश करीब 7 इंच होती है, लेकिन पिछले चार साल से यह आंकड़ा लगातार पार हो रहा है। अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड 1961 में बना था जब सितंबर में 30 इंच से ज्यादा पानी बरसा था। वहीं, 2 सितंबर 1947 को एक दिन में 9.2 इंच बारिश हुई थी। इस महीने आमतौर पर 8 से 10 दिन बारिश होती है।
इंदौर में भी टूटा पुराना रिकॉर्ड
इंदौर में सितंबर का अब तक का रिकॉर्ड 1954 का है जब पूरे महीने में 30 इंच बारिश दर्ज की गई थी। वहीं, 20 सितंबर 1987 को एक दिन में करीब साढ़े 6 इंच पानी गिरा था। इस बार इंदौर में सितंबर की बारिश औसत से कहीं ज्यादा हो सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि महीने के अंत तक मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी।
ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन के पुराने रिकॉर्ड
ग्वालियर में 1990 में सितंबर माह में 25 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 1988 में एक दिन में साढ़े 12 इंच बारिश दर्ज की गई थी। जबलपुर का रिकॉर्ड 1926 का है, जब 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश और पूरे महीने में 32 इंच पानी गिरा था। उज्जैन में 1961 में सितंबर की बारिश ने ही पूरे मानसून का कोटा पूरा कर दिया था। उस समय 43 इंच बारिश दर्ज की गई थी।
प्रदेश में औसत से ज्यादा बरसा पानी
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक मध्यप्रदेश में 40.6 इंच बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 110 प्रतिशत ज्यादा है। औसतन इस समय तक 32.4 इंच बारिश होनी चाहिए थी। प्रदेश की सामान्य बारिश करीब 37 इंच है, जबकि पिछले साल 44 इंच पानी गिरा था।
इंदौर में स्कूल बंद करने के आदेश
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) जिले में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Rain) ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग (Weather Department) ने पहले ही तेज वर्षा की चेतावनी जारी की थी। हालात को देखते हुए इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) ने बड़ा निर्णय लिया है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा कि शनिवार 6 सितम्बर 2025 को जिले के सभी स्कूल (School) और आंगनवाड़ी (Anganwadi) केन्द्र बंद रहेंगे।
पहली से बारहवीं तक की कक्षाएं रहेंगी बंद
कलेक्टर के आदेश के अनुसार यह अवकाश शासकीय (Government), अशासकीय (Private) और अनुदान प्राप्त (Grant-in-aid) सभी स्कूलों में लागू होगा। कक्षा 1 से लेकर 12 तक के सभी छात्र-छात्राओं को शनिवार को छुट्टी रहेगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह नियम जिले की सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों (Anganwadi Centres) पर भी लागू होगा।
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— Bansal News Digital (@BansalNews_) September 5, 2025
सुरक्षा के मद्देनजर लिया गया निर्णय
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और भारी वर्षा के चलते आने-जाने की दिक्कत को देखते हुए यह अवकाश घोषित किया गया है। लगातार बारिश से कई इलाकों में जलभराव (Waterlogging) की स्थिति बनी हुई है, जिससे यातायात और आम जीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रशासन ने अभिभावकों (Parents) से अपील की है कि वे बच्चों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने दें। साथ ही, बारिश के चलते खुले तार, जलभराव वाले क्षेत्रों और नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी तेज बारिश की संभावना जताई है। यदि हालात बिगड़े तो प्रशासन आगे भी छुट्टियों का ऐलान कर सकता है। प्रशासन ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन (School Management) और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi Workers) जिले की स्थिति पर नजर बनाए रखें।
भारी बारिश के बाद खुला भदभदा डैम का गेट
मध्यप्रदेश में सक्रिय मजबूत बारिश प्रणाली के कारण फिर से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कैचमेंट और सीहोर में तेज बरसात के बाद भोपाल के बड़ा तालाब का स्तर 1666.50 फीट तक पहुंचते ही शनिवार सुबह 10:35 बजे महापौर मालती राय ने पूजा-अर्चना के बाद भदभदा डैम के दो गेट खोले, जिनमें से पानी निकासी के बाद एक गेट बंद कर दिया गया और फिलहाल 11 में से एक गेट से जल छोड़ा जा रहा है, जबकि रायसेन के हलाली बांध में तीन गेट 2–2 मीटर तक खोलकर लगभग 451.89 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है।
बताते चलें कि पिछले 23 सालों में यह दूसरी बार है जब सितंबर महीने में भदभदा डैम के गेट खोले गए। इससे पहले 2003 में सितंबर में गेट खुले थे, जबकि पिछले साल भारी बारिश के कारण 2 अगस्त को ही गेट खोलने पड़े थे।
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