MP Health Employee Protest: आज मध्य प्रदेश के स्वास्थ कर्मी अपनी 15 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए आज चरणबद्ध आंदोलन करेंगे. इस आंदोलन में स्वास्थ अधिकारी-कर्मचारी महा संघ से जुड़े नर्सिंग संवर्ग, पैरामेडिकल संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स, रोगी कल्याण समिति के सदस्य भाग लेंगे.
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कौरव ने बताया कि यह आंदोलन स्वास्थ्य कर्मचारियों की लम्बित मांगों और उनके अधिकारों के लिए किया जा रहा है. आंदोलन के तहत चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन होंगे, जिनमें सभी संबंधित विभागों और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की जाएगी.
काली पट्टी बांधकर करेंगे विरोध
जानकारी के मुताबिक “सभी कर्मचारी अगले तीन दिन काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे। दो दिवस अतिरिक्त कार्य करेंगे।18 नवंबर को कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे और उपमुख्यमंत्री स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के निवास पर जाकर अधिक से अधिक संख्या में ज्ञापन देकर चर्चा करेंगे.
वहीं 25 नवंबर को एक दिवसीय जंगी प्रदर्शन भी करेंगे। अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो अनिश्चित कालीन हड़ताल भी करेंगे”.
सुरेंद्र सिंह कौरव ने दी जानकारी
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह कौरव ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारी असंतोष में है. इससे पहले फरवरी में भी संघ की ओर से शासन से पत्र ज्ञापन देकर अनुरोध किया था कि शीघ्र ही मांगों का निराकरण किया जाए.
लेकिन विभाग की मनमानी, तानाशाही के चलते जानबूझकर निराकृत (Madhya Pradesh Health Workers) नहीं किया जा रहा है. जबकि अधिकतम महासंघ की मांगे सरकार पर किसी भी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं आएगा. इसके बाद भी सरकार द्वारा हमारी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.
जिससे सभी वर्गों के कर्मचारियों में आक्रोश है.
कर्मचारियों की 15 सूत्रीय मांगे
संविदा नीति 2023 के तहत सपोर्ट स्टाफ का एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) में पुनः विलय किया जाए और एनएचएम में पूर्ण रूप से नई नीति लागू की जाए।
संविदा स्वास्थ्य संवर्ग में वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।
नर्सों पर हड़ताल के दौरान की गई सभी कार्यवाहियों को निरस्त किया जाए और एएनएम तथा एमपीडब्ल्यू को हड़ताल के 23 दिनों का वेतन भुगतान किया जाए।
ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज की तरह अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में भी नर्सिंग संवर्ग को 3 और 4 वेतनवृद्धि दी जाए।
प्रमोशन न होने तक वरिष्ठता के आधार पर प्रभार दिया जाए।
सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से लागू किया जाए।
चिकित्सकों की तरह अन्य कर्मचारियों को भी रात्रिकालीन भत्ता प्रदान किया जाए।
संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक नर्सिंग के पद पर नर्सिंग कैडर के कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर पदस्थ किया जाए।
Madhya Pradesh Health Workers, Nursing, Paramedical Contract Employees