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हाइलाइट्स
- एमपी हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद।
- नक्सली मुठभेड़ में गोली लगने घायल हुए थे शर्मा।
- मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक ने दी श्रद्धांजलि।
MP Hawk Force Inspector Aashish Sharma Martyr: मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ की सीमा पर एक बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान एमपी हॉक फोर्स के बहादुर अधिकारी इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हो गए। मुठभेड़ में गोलीबारी में घायल होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वे कई मुठभेड़ों में सक्रिय रहे और बहादुरी के लिए दो बार वीरता पदक से सम्मानित हो चुके थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने उनके सर्वोच्च बलिदान पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
नक्सली मुठभेड़ में MP का जवान शहीद
मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ सीमा पर राजनांदगांव के कंघुर्रा जंगलों में शनिवार देर रात सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। इस ऑपरेशन में एमपी हॉक फोर्स के बहादुर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लगी और उन्हें तुरंत डोंगरगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।
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बॉर्डर पर नक्सलियों से मुठभेड़, जमकर गोलीबारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों को नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद एमपी, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की संयुक्त टीम कंघुर्रा इलाके के जंगल में ऑपरेशन के लिए निकली थी। जैसे ही टीम का नक्सलियों से आमना-सामना हुआ, दोनों ओर से भारी गोलाबारी शुरू हो गई। इसी दौरान इंस्पेक्टर आशीष शर्मा गोली लगने से गंभीर घायल हो गए। एमपी हॉक फोर्स के बहादुर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा नरसिंहपुर जिले के बोहानी के रहने वाले थे और 2016 बैच के प्लाटून कमांडर थे।
2018 में उन्होंने हॉक फोर्स में शामिल हुए थे शर्मा
21 फरवरी 1994 को जन्मे आशीष शर्मा ने बी.एस.सी. की पढ़ाई के बाद 04 अप्रैल 2016 को मध्यप्रदेश पुलिस में सेवा शुरू की। उनकी मूल इकाई 25वीं वाहिनी विसबल, भोपाल थी। वर्ष 2018 में उन्हें हॉक फोर्स में प्रतिनियुक्त किया गया, और तभी से वे लगातार नक्सल-विरोधी अभियानों की अग्रिम पंक्ति में सक्रिय रहे। हर्राटोला मुठभेड़ में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें उप निरीक्षक से निरीक्षक पद पर क्रमोन्नति दी गई।
दो बार मिल चुका था वीरता पुरुस्कार
कर्तव्य पालन के दौरान आशीष शर्मा की बहादुरी को दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें दुर्गम सेवा पदक और आंतरिक सेवा पदक भी मिले। शर्मा को हर्राटोला, कदला और रौंदा जैसी अहम मुठभेड़ों में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था। उन्हें दो बार वीरता पदक, दुर्गम सेवा पदक और आंतरिक सेवा पदक भी मिल चुका था। सेवा के दौरान उन्हें कई प्रशंसा पत्र, ईनाम और पुरस्कार प्राप्त हुए। निरीक्षक आशीष शर्मा संवेदनशील, अनुशासित और साहसी अधिकारी थे। उनका नेतृत्व, टीम भावना और त्वरित निर्णय क्षमता उन्हें अपने साथियों में विशेष पहचान दिलाती थी।
सीएम मोहन ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने शहीद अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मध्यप्रदेश पुलिस परिवार ने उनके सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया और परिवार के प्रति संवेदनाएं जताई।


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