Harda Factory Blast: हरदा जिले की पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में अपनों को खोने वाले पीड़ित परिवार जब न्याय की उम्मीद लेकर पैदल चलते हुए भोपाल पहुंचे, तो उन्हें पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया।
5 दिन की पदयात्रा के बाद भोपाल पहुंचे पीड़ित
हरदा से करीब 150 किलोमीटर दूर भोपाल तक पीड़ित परिवारों ने 5 दिन तक पैदल चलकर मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने की कोशिश की। लेकिन जब वो होशंगाबाद रोड पर पहुंचे, तो वहां पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
पुलिस और पीड़ितों में हुई झड़प, सड़क पर लेटे लोग
परिवारों को जबरन बसों में बैठाकर वापस भेजने की कोशिश की गई, तो पीड़ित नाराज हो गए। उन्होंने विरोध करते हुए बस के सामने लेटकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और पीड़ितों के बीच झड़प भी हुई।
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न्याय की मांग कर रहे हैं पीड़ित
परिवारों का कहना है कि हादसे के बाद उन्हें न तो पर्याप्त मुआवजा मिला है और न ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई है। “हमारे अपने मारे गए, अब हमसे आवाज उठाने का हक भी छीना जा रहा है,” ऐसा कहना है एक पीड़ित महिला का।
प्रशासन सख्त, परिजनों में आक्रोश
पुलिस का कहना है कि सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें रोका गया है, लेकिन पीड़ित परिवार इसे न्याय की आवाज दबाने की कोशिश बता रहे हैं।
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