MP Police: मध्यप्रदेश में ग्वालियर पुलिस की लापरवाही सामने आई है। ग्वालियर पुलिस ने 8 महीने पहले बिना पड़ताल के एक शव को दफना दिया। इसे लेकर अब हाईकोर्ट ने एसपी को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा, एक ही शहर में गुमशुदगी दर्ज हुई और इसके अगले दिन अज्ञात शव मिला। पुलिस श्रीनगर और राजस्थान में गुमशुदगी के पोस्टर चिपका आई।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब पुलिस ने शव को बाहर निकाला। शव के गलने के कारण परिजन पहचान नहीं कर पाए। अब शनिवार को पुलिस ने DNA टेस्ट कराया है। इससे पता चलेगा कि शव उस गुमशुदा युवक का है या नहीं।
पुरानी छावनी पुलिस ने बिना जांच दफनाया शव
जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल को रामगोपाल दादोरिया ने मुरार थाना में 23 साल के बेटे रजनीश कुमार की गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई थी। अगले दिन 16 अप्रैल को पुरानी छावनी में रेलवे ट्रैक के पास पुलिस को एक युवक का शव मिला था। स्पॉट पर शिनाख्त नहीं होने पर पुरानी छावनी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और बिना पड़ताल किए उसे अज्ञात मानकर दफना दिया।
पिता ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका
रामगोपाल दादोरिया ने मई में बेटे की तलाश में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Petition) लगाई। मामले में पैरवी कर रहे वकील अकरम खान ने हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच को बताया कि रजनीश का 19 अप्रैल को लगुन फलदान होना था और 23 अप्रैल को शादी थी। 15 अप्रैल को रजनीश अचानक लापता हो गया। इसके बाद मुरार थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस ने कोई जांच पड़ताल नहीं की।
शव और गुमशुदा युवक के कपड़े एक से
याचिका पर हाईकोर्ट ने एसपी ग्वालियर धर्मवीर यादव को तलब किया। इसके बाद पुलिस ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया। पता चला कि पुरानी छावनी में आठ माह पहले शव मिला था। पुलिस ने 13 दिसंबर शुक्रवार को झांसी रोड स्थित श्मशान घाट से शव निकालकर कोर्ट को बताया कि शव गुमशुदा युवक हो सकता है। शव पूरी तरह गल गया है। ऐसे में रजनीश के माता-पिता ने कंकालनुमा शव को पहचानने से इनकार कर दिया, लेकिन कपड़े रजनीश के ही बता रहे हैं। शव मिलने के दौरान लिए गए फोटो में भी वह रजनीश ही लग रहा है।
हाईकोर्ट ने कहा- श्रीनगर में पर्चे क्यों लगाए
मामले की बीते दिनों हुई सुनवाई में युगल पीठ ने जांच अधिकारी से नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा, गुमशुदा युवक की तलाश में आप श्रीनगर और राजस्थान के शहरों में पर्चे चिपकाकर आए हैं, इसकी जानकारी कैसे मिली कि युवक वहां हो सकता है?
इस पर जांच अधिकारी ने कहा कि वह किसी अन्य मामले की जांच के लिए उन शहरों में गए थे, इसलिए युवक के गुमशुदा होने के पर्चे भी वहां चिपका आए।
पिता का आरोप- पुलिस 8 माह से गुमराह करती रही
गुमशुदा के पिता रामगोपाल का कहना है, पुलिस आठ महीने से गुमराह कर रही थी। जब हाईकोर्ट ने फटकार लगाकर सात दिन का अल्टीमेटम दिया तो पुरानी छावनी पुलिस तीन दिन में ही शव तलाश लाई। मुझे आशंका है कि मेरे बेटे की हत्या की गई है। उसे ट्रेन एक्सीडेंट का रूप दिया जा रहा है।
ये भी पढ़ें: Bhopal में FIITJEE का संचालक फरार: एडवांस फीस लेकर भागा, पीड़ित पेरेंट्स थाने पहुंचे
अब ग्वालियर एसपी क्या कह रहे ?
पूरे मामले में एसपी ग्वालियर धर्मवीर यादव ने कहा कि रेलवे ट्रैक के पास मिले शव की पहचान कराई गई है, पीड़ित पूरी तरीके से नहीं पहचान पा रहे हैं। माता-पिता के सैंपल लेकर DNA टेस्ट कराया जा रहा है। रिपोर्ट से सब साफ हो जाएगा।
ये भी पढ़ें: MP NEWS : CM Mohan ने Randeep Hooda को मंच से दिया ऐसा ऑफर, सोशल मीडिया पर वीडियो हो गया वायरल!