Gwalior: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर को कांग्रेस का 57 साल बाद पहला मेयर मिला है। जिसके बाद ग्वालियर की मेयर डॉक्टर शोभा सिकरवार ने एमआईसी की अपनी पहली बैठक में निगम के भ्रष्टाचारियों की उधेड़बुन शुरू कर दी है। मेयर शोभा सिकरवार ने अपनी पहली मेयर इन काउंसिल की बैठक में बीते 3 साल में ग्वालियर में सड़को को लेकर क्या काम हुए, कौन सी गारटी पीरियड़ की सड़के बनी है, किन ठेकेदारों से बनवाई गयी है. ये सारी जानकारी तीन दिन में तलब की है, तो वहीं निगम में पानी के बिलों में हुए घोटाले को लेकर भी रिपोर्ट तलब की है। एमआईसी की बैठक 12 बिंदुओं पर रखी गयी थी.जिसमें ग्वालियर नगर निगम के विकास कार्यों पर चर्चा होनी थी। जिसमें सबसे अहम मुद्दा अमृत योजना को लेकर था.
अमृत योजना का मुद्दा MP Gwalior News
अमृत योजना लगभग 800 करोड़ रुपए की योजना है, यह योजना शुरुआत से ही विवादों में घिरी हुई है। भ्रष्टाचार से लेकर इसके कामों पर विपक्ष लेकर सत्तापक्ष दोनों ने ही अमृत के कामों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। अब ग्वालियर में नगर निगम की नई सरकार है.ऐसे में फिर से उन मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही.आगामी 2023 को देखते हुए निगम के कामों को लेकर श्रेय लेने की राजनीति होगी। उससे पहले उस आंकुश लगाने के लिए मेयर ने.अपनी बैठक में आदेश निकाल दिया है, कि शहर में किसी भी वार्ड में कोई भी कार्य का भूमिपूजन, लोकार्पण सांसद.महापौर, क्षेत्रीय विधायक ओर क्षेत्रीय पार्षद की अनुपस्थिति में नहीं किया जाएगा। उसको विधिवत रूप से बुलाया जाएगा। MP Gwalior News