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MP हाईकोर्ट ने लगाई ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान को फटकार: कहा- अधिकारी खुद को शेर समझते हैं, किसी की नहीं सुनते...

Gwalior Collector Ruchika Chauhan: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की सिंगल बेंच कलेक्टर रुचिका चौहान को फटकार लगाई है।

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Kushagra valuskar
कलेक्टर रुचिका चौहान।

कलेक्टर रुचिका चौहान।

हाइलाइट्स
  • कलेक्टर पर HC की सख्त टिप्पणी।
  • बिना दस्तावेज अदालत पहुंची कलेक्टर।
  • मामले में अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी।
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Gwalior Collector Ruchika Chauhan: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की सिंगल बेंच ने लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी रामकुमार गुप्ता के मामले में सुनवाई करते हुए ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान को फटकार लगाई। अदालत ने कलेक्टर से कहा कि अधिकारी ऑफिस में बैठकर खुद को शेर समझते हैं और किसी की नहीं सुनते। कोर्ट ने यह भी कहा कि कलेक्टर न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते हैं।

दरअसल, रामकुमार गुप्ता ग्वालियर लोक निर्माण विभाग में उपयंत्री के पद पर कार्यरत थे। उन्हें वर्गीकृत किए जाने के बाद नए वेतनमान के अनुसार भुगतान किया जाना था, लेकिन विभाग ने उन्हें यह राशि नहीं दी।

इसके बाद गुप्ता ने लेबर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से उन्हें 17 लाख 61 हजार रुपए के भुगतान का आदेश मिला। हालांकि, विभाग ने इस आदेश का पालन नहीं किया, जिसके बाद गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

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कोर्ट ने कलेक्टर से पूछे सवाल

हाईकोर्ट ने ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान से पूछा कि इस मामले में उन्होंने क्या कार्रवाई की है। इस पर कलेक्टर ने बताया कि उन्होंने तहसीलदार को तलब किया है और लोक निर्माण विभाग की संपत्ति को कुर्क कर दिया गया है।

हालांकि, कोर्ट ने इस जवाब से संतुष्टि जताते हुए कलेक्टर को कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी माना और 11 मार्च को फिर से सुनवाई के लिए तलब किया।

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सात साल से लंबित है मामला

यह मामला सात साल से लंबित है। 2017 में श्रम न्यायालय ने आरआरसी (रिकवरी रेट्स सर्टिफिकेट) जारी किया था, जिसके बाद 25 जुलाई 2017 को कलेक्टर को इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई थी।

हालांकि, आदेश का पालन नहीं होने पर 2018 में अवमानना याचिका दायर की गई। इसके बाद भी कई कलेक्टर बदलने के बावजूद मामला सुलझ नहीं सका।

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कलेक्टरों का कार्यकाल

इस मामले में अवमानना याचिका दायर होने के बाद से अब तक कई कलेक्टर बदल चुके हैं। 2018 में राहुल जैन, उसके बाद अशोक कुमार वर्मा, भरत यादव, अनुराग चौधरी, कौशलेंद्र विक्रम सिंह, अक्षय कुमार सिंह और वर्तमान में रुचिका चौहान कलेक्टर के पद पर हैं।

कोर्ट का सख्त रुख

हाईकोर्ट ने साफ कहा कि कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारी न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी, जिसमें कलेक्टर रुचिका चौहान को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा गया है।

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