MP Guest Teacher Job Crisis: मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में सेवाएं दे रहे 4700 से ज्यादा अतिथि विद्वानों की सेवाएं खत्म करने का सिलसिला शुरू हो गया है। तबादलों की कार्यवाही के बीच महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। ऐसे में एक बार फिर अतिथि विद्वानों के सामने रोजगार का संकट गहरा सकता है। इसे देखते हुए जून में अतिथि विद्वानों द्वारा आंदोलन करने का फैसला किया गया है। अतिथि विद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा ने कहा, बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री ने अतिथि विद्वानों को न हटाने का ऐलान किया था, लेकिन इसे उच्च शिक्षा विभाग नहीं मान रहा है।
महापंचायत में अतिथि विद्वानों से किए वादे अधूरे
अतिथि विद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुरजीत सिंह भदौरिया ने कहा कि 11 सितंबर 2023 को विधानसभा चुनाव से पहले महापंचायत में अतिथि विद्वानों से जो वादे और घोषणाएं की गई थीं, वे अब तक पूरी नहीं हुई हैं। उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ा रहे अतिथि विद्वानों को 20 से 25 साल हो चुके हैं, और ये सभी पीएचडी, नेट, स्लेट की योग्यताएं रखते हैं। इनकी उम्र भी 45 से 55 साल के बीच है।
हर बार जब चुनाव होते हैं, सरकार ये वादे करती है कि अतिथि विद्वानों को स्थायी किया जाएगा और भविष्य को सुरक्षित किया जाएगा, लेकिन चुनाव खत्म होते ही कोई सुनवाई नहीं होती।
घाेषणा के समय उच्च शिक्षा मंत्री थे सीएम मोहन यादव
भदौरिया ने बताया कि 11 सितंबर 2023 को जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वानों के लिए घोषणाएं की थीं, तब उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे, जो अब मुख्यमंत्री हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उस समय यह बताया गया था कि अतिथि विद्वानों को 1500 रुपए प्रति कार्य दिवस के मानदेय के बजाय एक निश्चित वेतन 50000 रुपए दिया जाएगा।
- अतिथि विद्वानों के पद भरे हुए माने जाएंगे और उन्हें नौकरी से बाहर नहीं किया जाएगा।
- उन्हें सरकारी कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं दी जाएंगी।
- जो अतिथि विद्वान फॉलन आउट होंगे, उन्हें सेवा में वापस लिया जाएगा।
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तबादलों के कारण कई अतिथि विद्वान हटाए जाएंगे
अतिथि विद्वानों का कहना है कि तबादले होने वाले हैं और जिन कॉलेजों में प्रोफेसर की नियुक्ति होगी, वहां काम कर रहे अतिथि विद्वानों को फिर से मौका नहीं मिलेगा। इसके अलावा, पीएससी से भी नियुक्तियां होने वाली हैं, जिससे पद भरे जाएंगे और जिन अतिथि विद्वानों को हटाया जा रहा है, उनके स्थान पर नए लोगों को नहीं लिया जाएगा। अतिथि विद्वान संघ का कहना है कि बीजेपी शासित हरियाणा में अतिथि विद्वानों को हटाने का निर्णय नहीं लिया गया है और सरकार ने उनकी सेवाएं सुरक्षित कर यूजीसी वेतनमान भी दिया है।
हाथियों के मूवमेंट से एमपी के 5 जिलों में अलर्ट: उड़ीसा से आया झुंड बांधवगढ़ जंगल में दिखाई दिया, जबलपुर सीमा पर चौकसी
MP Elephant Movement Alert: मध्यप्रदेश के जबलपुर, कटनी, डिंडोरी समेत विंध्य-महाकौशल क्षेत्र में हाथियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। बताया जा रहा है उड़ीसा से छत्तीसगढ़ होते हुए हाथियों का एक बड़ा झुंड मध्यप्रदेश की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जिसने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। हाथियों के झुंड के मूवमेंट पर बांधवगढ़ नेशनल पार्क की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है, वहीं सीमावर्ती जिलों में विभाग की टीमों की चौकसी बढ़ा दी गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…