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MP Guest Scholars Fell Out
MP Guest Scholars Fell Out: उच्च शिक्षा विभाग ने री-डिप्लॉयमेंट प्रक्रिया के तहत काम कर रहे 535 अतिथि विद्वानों को दिवाली के त्यौहार से ठीक पहले, 'फॉलेन आउट' (सेवा से बाहर) कर दिया है।
इस कार्रवाई से नाराज अतिथि विद्वान संगठन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इस शोषणकारी नीति को समाप्त करने या फिर 'इच्छा मृत्यु' की अनुमति देने का निवेदन किया है। संगठन ने अपनी मांगों को अनसुना किए जाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इसके अतिरिक्त, विभाग के इस 'दमन' के विरोध में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी पत्र भेजे गए हैं।
25 सालों से पढ़ा रहे अतिथि विद्वान
अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदौरिया ने राज्य सरकार पर लगातार अन्याय करने का आरोप लगाया है। भदौरिया ने बताया कि ये अतिथि विद्वान 20 से 25 वर्षों से सरकारी कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। अधिकांश के पास पीएचडी, नेट, स्लेट जैसी उच्च योग्यताएं हैं और उनकी उम्र 45 से 55 साल हो चुकी है।
परिवार पर असर:अतिथि विद्वानों की चिंता है कि नियमित करने के बजाय इस उम्र में सेवा से बाहर किए जाने पर, दिवाली से पहले इन परिवारों का भरण-पोषण मुश्किल हो जाएगा।
री-डिप्लॉयमेंट की प्रक्रिया: इस शिक्षा सत्र में री-डिप्लॉयमेंट के तहत 535 प्रोफेसरों को एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज भेजा गया, और फिर जब वहां नियमित नियुक्तियां हो गईं, तो उन्हें सेवा से हटा दिया गया (फॉलेन आउट कर दिया गया)।
नियुक्ति प्रक्रिया का डर:प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदौरिया ने बताया कि आगामी पीएससी (PSC) द्वारा होने वाली प्रोफेसरों की नियुक्तियों से और भी अतिथि विद्वान अपनी नौकरी खो देंगे, क्योंकि 25 साल से नेता उन्हें 'फुटबॉल की तरह खेल' रहे हैं।
तैयारी की असंभवता: प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह भदौरिया ने कहा कि वर्ष 1993 से 2017 तक सामान्य वर्ग के सहायक प्राध्यापकों के लिए पीएससी परीक्षा नहीं हुई, जिससे कार्यरत युवा अब उम्रदराज हो चुके हैं और उनके लिए इस उम्र में पीएससी की तैयारी करना संभव नहीं है।
ताजा उदाहरण: पीएससी की इतिहास विषय की लिस्ट जारी होने के बाद 67 अतिथि विद्वान हाल ही में फॉलेन आउट हो गए हैं।
महापंचायत में की गई थीं ये घोषणाएं
विधानसभा चुनाव 2023 से पहले, 11 सितंबर 2023 को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री (और वर्तमान मुख्यमंत्री) डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में अतिथि विद्वान महापंचायत में घोषणाएं की थीं।
मानदेय परिवर्तन:₹1500 प्रति कार्य दिवस के मानदेय की जगह ₹50,000 का फिक्स वेतन दिया जाएगा।
सेवा सुरक्षा:अतिथि विद्वानों के पद भरे हुए माने जाएंगे और उन्हें सेवा से बाहर (फॉलेन आउट) नहीं किया जाएगा।
सुविधाएं: उन्हें शासकीय सेवकों की तरह सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
वापसी:पहले से फॉलेन आउट किए गए अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस लिया जाएगा।
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MP Promotion Policy: नई प्रमोशन नीति 2016 के बाद की पदोन्नति पर होगी लागू, इससे पहले मान्य नहीं, HC- अब होगा अंतिम फैसला
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