इंदौर। MP Graduate History News : इंदौर की तनिष्का सुजीत महज 15 साल की उम्र में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर इतिहास रचने के प्रयास में जुट गई है और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विलक्षण प्रतिभा की धनी इस मेधावी लड़की से कुछ दिन पहले मुलाकात कर उसका उत्साह बढ़ाया।
यह भी पढ़ें- Bemetara Birampur News: दो छात्रों के विवाद ने कैसे बंद कराया छत्तीसगढ़, जानें बेमेतरा-बिरनपुर का हाल
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छात्रा तनिष्का ने सोमवार को बताया कि वह बीए (मनोविज्ञान) अंतिम वर्ष की 19 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल तक चलने वाली परीक्षा में बैठेगी। छात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उससे एक अप्रैल को उस समय भोपाल में मुलाकात की थी, जब वह संयुक्त कमांडर सम्मेलन में हिस्सा लेने सूबे की राजधानी पहुंचे थे।
यह भी पढ़ें- आज का मुद्दा: फेस जिताएंगे रेस ! क्या शिवराज VS कमलनाथ की जंग चुनाव को और रोचक बनाएगी ?
अमेरिका में वकालत पढ़ना चाहती है
तनिष्का ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। छात्रा के मुताबिक, करीब 15 मिनट की मुलाकात के दौरान उसने प्रधानमंत्री को बताया कि बीए उत्तीर्ण करने के बाद वह अमेरिका में वकालत पढ़ना चाहती है और बाद में भारत लौटकर अपने देश के शीर्ष न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश बनना चाहती है।
यह भी पढ़ें- आज का मुद्दा: बेमेतरा को किसने जलाया ? BJP और कांग्रेस आमने-सामने, विवाद पर सियासत तेज !
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिली इंदौर की होनहार बेटी तनिष्का सुजीत.
सांसद श्री शंकर लालवानी के प्रयास से हुई मुलाकात.
Read more :- https://t.co/QjsUC9dvgP#JansamparkMP #indore @PMOIndia@iShankarLalwani pic.twitter.com/ZOWCOdwvMU— PRO JS Indore (@projsindore) April 10, 2023
तनिष्का ने बताया कि यह सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा कि मुझे उच्चतम न्यायालय जाकर वकीलों की बहस देखनी चाहिए, जिससे मुझे अपना लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी। गौरतलब है कि तनिष्का महज 13 साल की उम्र में 10वीं के बाद सीधे 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर पहले ही अकादमिक कीर्तिमान रच चुकी हैं।
यह भी पढ़ें- Jharkhand Jamshedpur Violence News: धारा 144 के बीच इंटरनेट सेवा बंद, जमशेदपुर में क्या चल रहा है
वल 13 साल की आयु में बीए मनोविज्ञान में प्रवेश
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की समाज विज्ञान अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष रेखा आचार्य ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तनिष्का के मामले को विशेष मानकर उसे केवल 13 साल की आयु में बीए (मनोविज्ञान) प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया था और दाखिले से पहले उसकी एक परीक्षा भी ली गई थी। उन्होंने बताया कि मेधावी छात्रा ने इस प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था।
यह भी पढ़ें- MP Congress CM Face : हमारे पास सीएम पद के लिए एक ही चेहरा है कमलनाथ : दिग्विजय सिंह
तनिष्का की माता अनुभा ने बताया कि उनके पति और ससुर की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वर्ष 2020 में मौत हो गई थी। दोनों को खोने के बाद मुझ पर दुःख का पहाड़ टूट गया था और मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था। दो-तीन महीने ऐसे ही बीत गए। फिर मुझे लगा कि मेरी बेटी के भविष्य की खातिर मुझे उसकी पढ़ाई के लिए हालात से संघर्ष करना ही होगा।
यह भी पढ़ें – India First Underwater Metro : पानी के अंदर दौड़ेगी भारतीय मेट्रो, कब हो रही शुरू