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MP News: एमपी में सरकारी कर्मचारियों का अनोखा विरोध-प्रदर्शन, अपनी लंबित मांगों को लेकर किया सुंदरकांड का पाठ

Mp govt employees protest; एमपी में सरकारी कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, अपनी मांगों को लेकर किया सुंदरकांड का पाठ।

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Kushagra valuskar
MP News: एमपी में सरकारी कर्मचारियों का अनोखा विरोध-प्रदर्शन, अपनी लंबित मांगों को लेकर किया सुंदरकांड का पाठ

मंत्रालय सेवा अधिकारी ,कर्मचारी संघ का प्रदर्शन।

हाइलाइट्स

  • मांगें मनवाने मंत्रालय कर्मचारियों का सुंदरकांड पाठ।
  • सिर पर रामचरित मानस लेकर पहुंचे संघ के अध्यक्ष।
  • मांगों को लेकर सुंदरकांड और हनुमान चालिसा का किया पाठ।
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MP News: मंत्रालय सेवा के कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मंगलवार (4 मार्च) मंत्रालय में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मचारियों ने मंत्रालय के एक नंबर गेट के पास स्थित मंदिर में सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का अखंड पाठ किया। संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक अपने साथियों के साथ सिर पर रामचरित मानस लेकर मंदिर पहुंचे। यहां भगवान और पोथी की पूजा-अर्चना के बाद संगीतमय पाठ शुरू हुआ।

कर्मचारियों ने भगवान को सौंपा अपनी मांगों का पत्र

कर्मचारियों ने पूजा-अर्चना के साथ ही अपनी मांगों का पत्र भगवान को सौंपा और रामधुन शुरू की। रामधुन शुरू होने के साथ ही आयोजन स्थल पर कर्मचारियों की भीड़ बढ़ने लगी। संघ के सदस्य दयानंद उपाध्याय ने 101 सुंदरकांड की पोथियां उपलब्ध कराई हैं, जो यहां आने वालों को पाठ करने के लिए दी जा रही हैं।

पिछले आठ दिन से चल रहा था प्रदर्शन की तैयारी

संघ के पदाधिकारी पिछले आठ दिन से विभागवार जाकर कर्मचारियों को इस प्रदर्शन के लिए जागरुक कर रहे थे। पहली बार मंत्रालयीन अधिकारी, कर्मचारी, आउटसोर्स कर्मचारी, स्थायी कर्मी और आकस्मिकता निधि के कर्मचारी एक साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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कर्मचारियों का कहना है कि छोटे कार्यालयों को चौथा समयमान मिल गया है, लेकिन प्रदेश के सर्वोच्च कार्यालय को यह सुविधा अभी तक नहीं मिली है।

सरकार नहीं सुन रही, तो भगवान की शरण में आए कर्मचारी

मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि उनकी पदोन्नति सहित कई मांगें हैं, जिन्हें सरकार सुनने को तैयार नहीं है। जब शासन और सरकार स्तर पर किसी ने सुनवाई नहीं की, तब भगवान की शरण में आए हैं। हम अपनी व्यथा भगवान को सुना रहे हैं, ताकि वे निर्णय लेने वालों को सद्बुद्धि दें।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

  • 9 वर्ष से बंद पदोन्नतियों को शुरू किया जाए।
  • पात्र मंत्रालय कर्मचारियों को चौथा समयमान वेतनमान दिया जाए।
  • सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 9 मार्च 2020 के अनुसार राज्य प्रशासनिक सेवा की भांति मंत्रालयीन अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान के साथ उच्च पदनाम दिया जाए।
  • सचिवालय भत्ते का वर्तमान मूल्य सूचकांक के अनुसार पुनरीक्षण किया जाए।
  • 3% लंबित महंगाई भत्ता एरियर सहित दिया जाए।
  • कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए लंबित चिकित्सा बीमा योजना लागू की जाए।
  • सहायक ग्रेड-3 और डाटा एंट्री ऑपरेटर की ग्रेड-पे समान 2400 की जाए।
  • अनुकंपा नियुक्ति से नियुक्त सहायक ग्रेड 3 की सेवाएं सीपीसीटी उत्तीर्ण न करने पर समाप्त करने का प्रावधान निरस्त किया जाए।
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आकस्मिकता निधि कर्मचारियों की भर्ती

मंत्रालय स्थापना और मंत्री स्थापना में वर्षों से कार्यरत आकस्मिकता निधि कर्मचारियों की भर्ती नियम के अनुसार 17 सितंबर 2023 को ली गई विभागीय परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाए अथवा नई परीक्षा ली जाए।

स्टाइपेंड निरस्त

सीधी भर्ती से नियुक्त होने वाले तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 70%, 80% स्टाइपेंड देने संबंधी आदेश निरस्त किया जाए।

स्थायी कर्मियों को सातवां वेतनमान

स्थायी कर्मियों को सातवां वेतनमान दिया जाए एवं नियमित कर्मचारियों की भांति अन्य सुविधाएं दी जाएं। समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर आउटसोर्स कर्मचारियों को समकक्ष नियमित कर्मचारी की न्यूनतम वेतन के समतुल्य पारिश्रमिक, अवकाश, काम के घंटे निर्धारित किए जाएं।

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पे प्रोटेक्शन का लाभ

वर्ष 2012-13 में मंत्री स्थापना से मंत्रालय स्थापना में नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पे प्रोटेक्शन का लाभ दिया जाए। सेवानिवृत्ति के बाद 240 दिन के बजाय पूरे 300 दिन का अवकाश नकदीकरण किया जाए। गृह भाड़ा भत्ता, परिवहन भत्ता एवं अन्य भत्ते सातवें वेतनमान के अनुरूप पुनरीक्षित किए जाए।

पुरानी पेंशन योजना बहाल

2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। उच्च अधिकारियों के स्टाफ एवं सेक्शनों में पदस्थ अटैचमेंट कर्मचारियों को तत्काल वापस कर उनके स्थान पर मंत्रालयीन कर्मचारियों को पदस्थ किया जाए। आवश्यक हो तो नई भर्ती की जाए।

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