/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/MP-Promotion-Rules-Controversy.webp)
MP Promotion Rules Controversy
MP Employees Promotion Rules Update: मध्य प्रदेश में सरकारी प्रमोशन से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। जहां जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश में चल रहे सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर नए नियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। मप्र हाई कोर्ट ने सपाक्स की याचिका पर ये आरक्षण रोक लगाई है।
https://twitter.com/BansalNews_/status/1942149230715343123
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार के विभागों में पदोन्नति पर फिलहाल रोक लगा दी है। हाई कोर्ट जबलपुर ने सोमवार 7 जुलाई को सपाक्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार द्वारा जून में लागू किए गए पदोन्नति नियम 2025 पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक सरकार के विभागों में विभागीय पदोन्नति यानी डीपीसी का आयोजन कर प्रमोशन लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को एक हफ्ते में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, तो फिर नए नियम क्यों बनाए ?
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस और जजों की बेंच ने सरकार से यह सवाल पूछा कि जब पदोन्नति का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो सरकार ने नए नियम क्यों बनाए? क्या पहले सुप्रीम कोर्ट से पुराना मामला वापस नहीं लेना चाहिए था? राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पेश हुए, लेकिन वे यह स्पष्ट नहीं कर सके कि 2002 और 2025 के नियमों में फर्क क्या है ? उन्होंने कहा कि अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले में हाईकोर्ट कोई अंतिम फैसला नहीं देता, तब तक सरकार नए नियमों के आधार पर कोई भी पदोन्नति या संबंधित कार्रवाई न करे।
नए नियमों को तीन याचिकाओं से दी चुनौती
[caption id="attachment_853686" align="alignnone" width="882"]
एडवोकेट सुयश मोहन गुरु।[/caption]
हाईकोर्ट एडवोकेट सुयश मोहन गुरु ने कहा- 'जून 2025 में मध्य प्रदेश शासन ने पदोन्नति में आरक्षण के लिए नए नियम बनाए थे, जिनको आज तीन याचिकाओं में चुनौती दी गई थी। उन तीनों याचिकाओं में ये कहा गया था कि आपने जो नए नियम बनाए हैं और जो पुराने नियम हैं, वो बहुत समान हैं। उन नियमों के खिलाफ हमने ये पीटिशन लगाई थी, जिस पर हाईकोर्ट स्टे देने के लिए तैयार था, लेकिन एडवोकेट जनरल के अंडरटेकिंग पर कि वो कोई प्रमोशन नहीं करेंगे, उनको एक समय दिया गया है और अगली सुनवाई 15 जुलाई तो तय की गई है।'
ये भी पढ़ें: MP Weather Update: बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात, 8 इंच से ज्यादा बारिश की चेतावनी
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/WhatsApp-Image-2025-07-07-at-3.07.25-PM.webp)
प्रमोशन का नया फॉमूला..
रिक्त पदों को वर्गों में बांट गया।
- इनमें जितने पद खाली होंगे, उन्हें SC-ST (16%-20%) और अनारक्षित हिस्सों में बांटा जाएगा।
- पहले SC-ST वर्ग के पद भरे जाएंगे, फिर शेष पदों के लिए सभी दावेदारों को अवसर मिलेगा।
प्रमोशन लिस्ट 2 तरह से बनेगी
- क्लास-1 अधिकारी (जैसे डिप्टी कलेक्टर) के लिए लिस्ट मेरिट और सीनियरिटी दोनों के आधार पर तैयार होगी।
- क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए लिस्ट सीनियरिटी के आधार पर बनाई जाएगी।
कर्मचारियों की ACR होगी जरूरी
- प्रमोशन के लिए कर्मचारी की गोपनीय रिपोर्ट (ACR) का अच्छा होना जरूरी है
- पिछले 2 साल में कम से कम 1 रिपोर्ट 'आउटस्टैंडिंग' होनी चाहिए या
- पिछले 7 साल में कम से कम 4 रिपोर्ट 'A+' होनी चाहिए।
- अगर किसी कर्मचारी की गलती से उसकी ACR नहीं बनी है, तो उसका प्रमोशन नहीं होगा।
9 साल बाद बनी नई प्रमोशन पॉलिसी
मध्यप्रदेश सरकार ने जून 2025 में नई प्रमोशन नीति लागू की थी, जिसमें आरक्षण का प्रावधान जोड़ा गया था। इस नई नीति को सपाक्स संघ ने तीन अलग-अलग याचिकाओं के जरिए हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
2016 में प्रमोशन पर लगी रोक
9 साल पहले, 2016 से सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति (प्रमोशन) रुकी हुई थी। इसका कारण यह था कि आरक्षण में प्रमोशन से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। सरकार ने वहां एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की थी, जिसके चलते प्रमोशन नहीं हो पा रहा था।
एक लाख कर्मचारी बिना प्रमोशन हुए रिटायर
प्रमोशन में आरक्षण के विवाद के कारण प्रदेश के एक लाख से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो गए हैं। हालांकि, सरकार ने इन्हें क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान देकर प्रमोशन जैसा वेतन देना शुरू कर दिया है, लेकिन प्रमोशन न होने के कारण कर्मचारी और अधिकारी पुराने काम ही कर रहे हैं। उनमें प्रमोशन नहीं होने निराशा है। इस सब के चलते सरकार ने कोर्ट में केस लंबित होने के बावजूद नए प्रमोशन नियम बनाकर समाधान निकालने का प्रयास किया है।
9 जुलाई को केंद्रीय कर्मियों की हड़ताल:न्यूनतम सैलरी 26 हजार-पुरानी पेंशन की मांग,बंद रहेंगे बैंक-पोस्ट ऑफिस और कार्यालय
MP Employees Protest: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई को देशभर में आम हड़ताल का ऐलान किया गया है। इस दौरान मध्यप्रदेश में भी अधिकांश केंद्रीय कार्यालय में हड़ताल का असर रहेगा। इसमें बैंक, बीमा, पोस्ट ऑफिस, आयकर, बीएसएनएल, कोयला, रक्षा, आशा, आंगनवाड़ी समेत कई क्षेत्रों के कर्मचारी शामिल रहेंगे। इस दौरान कामकाज पूरी तरह ठप रहेगा। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/MP-Employees-Protest-750x466.webp)
चैनल से जुड़ें