हाइलाइट्स
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मध्यप्रदेश में तहसीलदारों पर एक्शन की तैयारी
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तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का काम बंद अनुशासनहीनता
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सरकार ने सभी संभागायुक्त को दिए कार्रवाई के निर्देश
MP Govt Action On Tahsidar: सरकार ने प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के काम बंद आंदोलन को अनुशासनहीनता करार दिया है। सरकार ने गुरुवार 14 अगस्त की रात को आदेश जारी कर सभी संभाग कमिश्नर को ड्यूटी से अनुपस्थित राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर विभाग को अवगत कराने का निर्देश जारी किया है।
मध्यप्रदेश सरकार का आदेश
सरकार ने संभागायुक्त को दिए कार्रवाई के निर्देश
सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव संजय कुमार के दस्तखत से जारी निर्देश में सभी संभाग आयुक्त से कहा गया है कि वह अपने-अपने संभाग के तहत जिलों में पदस्थ ऐसे राजस्व अधिकारी जो अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित हुए हैं, उनके विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के अंतर्गत तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। राजस्व विभाग के ऐसे सभी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर इसकी सूचना विभाग को देने को कहा गया है।
आदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार शब्द नहीं
सामान्य प्रशासन विभाग के इस आदेश में कहीं भी तहसीलदार और नायब तहसीलदार शब्द नहीं लिखा गया है। जबकि यह सब को मालूम है कि प्रदेशभर में सभी नायब तहसीलदार और तहसीलदार न्यायिक और गैर न्यायिक कार्यों के बंटवारे के विरोध में कई दिनों से काम बंद आंदोलन कर रहे हैं।
राजस्व अधिकारियों का कृत्य अनुशासनहीनता
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में लिखा गया है कि मंत्री परिषद के निर्णय दिनांक 3 जून 2025 के अनुसार राजस्व अधिकारियों के मध्य सरकार की योजनाओं के अनुरूप सुचारू रूप से कार्य संचालन के लिए न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य करने का विभाजन किया गया है। सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध राजस्व अधिकारियों द्वारा विरोध जताते हुए अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित हैं।
उनका यह कृत्य शासन की मंशा एवं नीतियों के विरुद्ध है जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। ऐसे कृत्य के संबंध में सामान्य प्रशासन द्वारा जारी स्थाई निर्देश दिनांक 22 नवंबर 2006 के अनुसार शासकीय सेवकों के हड़ताल धरना और सामूहिक अवकाश के कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के अनुसार कदाचरण की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार की अनुशासनहीनता करने वालों पर गुण दोष के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जानी चाहिए।