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MP Promotion Proposal: मध्यप्रदेश सरकार का प्रमोशन प्रस्ताव सपाक्स को मंजूर नहीं, कहा- ये SC-ST को फायदा पहुंचाने वाला

MP Promotion Proposal: मध्यप्रदेश सरकार का प्रमोशन प्रस्ताव सपाक्स ने नामंजूर कर दिया है। सपाक्स का कहना है कि प्रमोशन प्रस्ताव SC-ST को फायदा पहुंचाने वाला है। सरकार को एफिशिएंसी टेस्ट लेना चाहिए।

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Rahul Garhwal
MP Government promotion proposal rejected by SAPAKS meeting with CS

हाइलाइट्स

  • सपाक्स को सरकार का पदोन्नति प्रस्ताव नामंजूर
  • सीएस के साथ बैठक में ली आपत्ति
  • बदलाव के लिए फिर हो सकती है मीटिंग
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MP Promotion Proposal: मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के प्रमोशन के लिए सरकार के प्रस्ताव को मध्यप्रदेश सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) ने नामंजूर कर दिया है। MP के CS के साथ हुई बैठक में सपाक्स ने आपत्ति ली। अब प्रस्ताव में बदलाव के लिए दोबारा मीटिंग हो सकती है।

सपाक्स का ये तर्क

सपाक्स ने प्रमोशन प्रस्ताव को SC-ST को फायदा पहुंचाने वाला बताया है। वहीं सामान्य और पिछड़ा वर्ग अधिकारी-कर्मचारी के लिए इसे नुकसान वाला बताया है।

सपाक्स की ये आपत्ति

  • क्रीमी लेयर के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण न मिले जबकि ऐसा प्रस्ताव किया गया है।
  • जिन कर्मचारियों को प्रमोशन मिल चुका है, उन्हें कोर्ट ने रिवर्ट करने को कहा है, लेकिन सरकार ने रिवर्ट नहीं किया है। इस पर फैसला हो।
  • आरक्षण का फायदा लेकर नौकरी में आए लोगों को अनारक्षित पदों पर प्रमोशन देने का प्रस्ताव है।
  • सपाक्स की ओर से कैटेगरी वालों को कैटेगरी में ही प्रमोशन देने की बात कही गई है।
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MP promotion

'पुराने नियमों जैसी ही व्यवस्था'

मध्य प्रदेश सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के डॉ. केएस तोमर ने कहा कि मुख्य सचिव ने जो ड्राफ्ट दिखाया वह 2002 के कोर्ट के पहले लागू व्यवस्था के जैसा ही है। सरकार ने अभी कुछ लिखित तौर पर नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जो भी पदोन्नति ड्राफ्ट बना है उसमें पुराने नियमों जैसी व्यवस्था को लागू करने की बात कही गई है। इसलिए आपत्ति ली गई है।

फिर से हो सकती है बैठक

मध्यप्रदेश सरकार SC-ST को 36 फीसदी आरक्षण देने की बात तो कह रही है, लेकिन वर्टिकल बेस पर 64 प्रतिशत OBC सामान्य वर्ग को देने के लिए सहमत नहीं है। डॉ. केएस तोमर का कहना है कि जो प्रस्ताव है, उससे साफ है कि अगले 15 साल तक योग्यता की बजाय आरक्षण पाकर पदोन्नत होने वाले ही ऊंचे पदों पर बने रहेंगे। ऐसे में दोबारा दोनों पक्षों की अलग-अलग बैठक बुलाई जा सकती है।

एफिशिएंसी टेस्ट ले सरकार, सभी को मौका मिले

सपाक्स के डॉ. केएस तोमर का ये भी कहना है कि OBC, सामान्य वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी की CR अच्छी होने के बाद भी उसे अनदेखा करके SC-ST को प्रमोट किया जाता है। इस तरह का भेदभाव क्यों होता है ? सरकार एफिशिएंसी टेस्ट लेने से भी पीछे हट रही है। CR को अनदेखा करते हैं तो सरकार एफिशिएंसी टेस्ट ले ताकि सबको मौका मिल सके। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

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