PM Fasal Bima Yojana: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार ने फसलों की बीमित राशि में इजाफा किया है।
इसका असर ये होगा कि फसल नुकसान होने पर किसान को पहले से बढ़कर क्लेम की राशि मिल सकेगी।
क्लेम में बीमित राशि अहम
फसल नुकसान होने पर बीमा कंपनी (PM Fasal Bima Yojana) जिस फार्मूले से क्लेम की गणना करती है उसमें बीमित राशि खासी अहम है।
किसी फसल की बीमित राशि जितनी अधिक होगी, नुकसान होने पर किसान को उतना अधिक क्लेम मिल सकेगा।
क्लेम निकालने का ये है फार्मूला
फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) में क्लेम की राशि निकालने के लिए पहले थ्रेसहोल्ड उपज (अधिकतम दो आपदा वर्षों को छोड़कर फसल का 7 साल का औसत उत्पादन) में से वास्तविक उपज को घटाया जाता है।
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जो परिणाम आए उसमें थ्रेसहोल्ड उपज से भाग दिया जाता है। इसके बाद बीमित राशि (PM Crop Insurance Scheme) से उसका गुणा किया जाता है। अब जो फाइनल परिणाम आता है, वही क्लेम की राशि होती है।
इन जिलों की बढ़ी रबी फसल की बीमित राशि
1. गेहूं सिंचित: सागर में 22200 रुपये प्रति हेक्टेयर से 10800 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 33 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। इसी तरह इंदौर में 9 हजार रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 45 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। उज्जैन में बीमित राशि 38 हजार से बढ़ाकर 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है।
2. गेहूं असिंचित: सागर में 18400 रुपये प्रति हेक्टेयर से 11600 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। इसी तरह बालाघाट में 6700 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 28 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। यहां पहले बीमित राशि 21300 रुपये प्रति हेक्टेयर थी।
3. चना: उज्जैन में 29400 रुपये प्रति हेक्टेयर से 17600 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। इसी तरह मुरैना में 10700 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 35 हजार 500 रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। श्योपुर में बीमित राशि 24800 से बढ़ाकर 35500 रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है।
इन जिलों में बढ़ी खरीफ फसल की बीमित राशि
1. धान: धान असिंचित में सागर में बीमित राशि 13 हजार रुपये तक बढ़ाई गई है। वहीं असिंचित धान में यह राशि सागर में 14 हजार बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। श्योपुर और मुरैना में 11 हजार 400 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 44 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है।
2. सोयाबीन: उज्जैन में 33600 रुपये प्रति हेक्टेयर से 13400 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। इसी तरह इंदौर में 9600 रुपये बढ़ाकर बीमित राशि 45 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है। सागर में बीमित राशि 24500 से बढ़ाकर 33 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की गई है।
3. मक्का: सागर में पिछले साल बीमित राशि 9800 रुपये प्रति हेक्टेयर थी। जिसे इस बार 18 हजार 200 रुपये तक बढ़ाया गया है। अब सागर में बीमित राशि 28 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है। इसी तरह अन्य जिलों में भी मक्का की बीमित राशि को बढ़ाया गया है।
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बीमित राशि बढ़ने से किसान को ये होगा फायदा
सागर में मान लीजिए गेहूं की थ्रेसहोल्ड उपज (अधिकतम दो आपदा वर्षों को छोड़कर फसल का 7 साल का औसत उत्पादन) 3384 किग्रा प्रति हेक्टेयर है।
अब मौसम की मार के कारण फसल खराब हो गई। जिससे वास्तविक उत्पादन घटकर 1000 किग्रा तक आ गया।
ऐसे में बीमा क्लेम (PM Fasal Bima Yojana) निकालने के लिए पहले थ्रेसहोल्ड उपज में से वास्तविक उपज को घटाया जाएगा और फिर उसमें थ्रेसहोल्ड उपज से भाग दिया जाएगा।
यह केल्कुलेशन करने पर 0.7044917 यह परिणाम आएगा। इस परिणाम में बीमित राशि का गुणा करने पर रो रिजल्ट आएगा, वही क्लेम की राशि होगी। इसे अब ऐसे समझे…
पहले क्लेम मिलता: जब सागर में 2023 में बीमित राशि 18400 रुपये प्रति हेक्टेयर थी। इस स्थिति में सागर के किसान को यदि गेहूं की फसल में नुकसान होता तो उसे 0.7044917 गुणा 18400 यानी 12963 रुपये प्रति हेक्टेयर क्लेम मिलता।
अब क्लेम मिलेगा: जब सागर में 2024 में बीमित राशि 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर हो गई। अब यदि सागर के किसान का यदि गेहूं खराब होता है तो उसे 0.7044917 गुणा 30000 यानी 21135 रुपये प्रति हेक्टेयर क्लेम मिलेगा।
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बढ़े उत्पादक जिलों को भूला विभाग
कृषि विभाग ने कुछ जिलों में तो बीमित राशि (PM Fasal Bima Yojana) में हजारों की वृद्धि कर दी, लेकिन जो बढ़े उत्पादक जिले हैं, उन्हें ही विभाग भूल गया।
प्रदेश में नर्मदापुरम और हरदा जिले में गेहूं की सबसे अधिक पैदावार होती है। यहां बीमित राशि सिर्फ 1500 रुपये बढ़ाई गई है। वीदिशा और सीहोर में चने की पैदावार अच्छी है। लेकिन यहां बीमित राशि नहीं बढ़ाई गई है।
धान की जबलपुर-रायसेन और मक्का की बैतूल में बंपर पैदावार है, पर यहां भी बीमित राशि नहीं बढ़ाई गई है। मक्का उत्पादक जिलों में शामिल छिंदवाड़ा में भी बीमित राशि सिर्फ 1300 रुपये प्रति हेक्टेयर भी बढ़ाई गई है।