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सीएम मोहन यादव ने पिछली सरकार का एक और फैसला बदला: बोले- गायें जंगल में नहीं रहतीं, गौ अभयारण्य नहीं गौवंश विहार खोलें

MP Gauvansh Vihar: मध्यप्रदेश में अब गौ अभयारण्य की जगह पर गौवंश विहार बनाए जाएंगे। सीएम मोहन ने पिछली सरकार का एक और फैसला बदल दिया। उनका कहना है कि गायें जंगल में नहीं रहतीं।

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Rahul Garhwal
MP Gauvansh Vihar cm mohan yadav decision sanctuary

MP Gauvansh Vihar: गौ अभयारण्य के स्थान पर गौवंश विहार शब्द का उपयोग किया जाएगा। क्योंकि गौवंश वन में निवास नहीं करता। ये बात मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर-चंबल संभाग की समीक्षा बैठक में गौ अभयारण्य विकास पर चर्चा करते हुए कही। MP में अब गौ अभयारण्य की जगह गौ वंश विहार बनेंगे। सीएम मोहन ने कहा कि गौवंश के लिए चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। नगर पालिका और नगर निगम अपनी-अपनी सीमा क्षेत्र में छोटी गौशालाओं का समुचित प्रबंधन करें। बड़ी गौशालाओं के प्रबंधन की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।

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[caption id="attachment_727091" align="alignnone" width="758"]MP Gauvansh Vihar cm mohan yadav decision ग्वालियर-चंबल संभाग की समीक्षा बैठक लेते सीएम मोहन यादव[/caption]

MP का पहला गौ अभयारण्य

मध्यप्रदेश का पहला गौ अभयारण्य आगर मालवा जिले के सैलेरिया गांव में खोला गया था। पिछली सरकार के फैसले पर मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड ने इसे 472 हेक्टेयर में 32 करोड़ की लागत से विकसित किया था। यहां 6 हजार गायों को रखा जा सकता है। प्रदेश में गौ संवर्धन बोर्ड 600 से ज्यादा गौशालाओं का संचालन करता है। सभी गौशालाओं में 1.4 लाख से ज्यादा गौवंश पल रहे हैं। अब इसे गौ अभयारण्य की जगह गौवंश विहार कहा जाएगा।

सीएम मोहन यादव ने पिछली सरकार का एक और फैसला बदला

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गौ अभयारण्य का नाम बदलकर गौवंश विहार कर दिया है। इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने पिछली सरकार का एक और फैसला बदल दिया। इससे पहले भी मुख्यमंत्री मोहन यादव पिछले कुछ फैसलों को पलट दिया था।

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सीएम, मंत्री और विधायक खुद भरेंगे टैक्स

सीएम मोहन यादव ने ये फैसला किया था कि मुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष समेत सभी विधायक टैक्स का भुगतान खुद करेंगे। 52 साल से नेताओं के टैक्स का भुगतान सरकारी खजाने से होता आ रहा था। मध्यप्रदेश विधानसभा में संसदीय कार्य विभाग के संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित किया गया था।

CPA दोबारा शुरू होगा

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) को भंग कर दिया था। उसे सीएम मोहन यादव ने फिर शुरू करने का फैसला किया। सीएम मोहन ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात करके CPA के लिए फंड मांगा था। भोपाल को राजधानी बनाने के बाद भोपाल की सड़कों और पार्कों की देखरेख के लिए CPA विभाग बनाया गया था। सड़क, पार्कों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण सरकारी बिल्डिंगों के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी CPA की थी। राजधानी की सड़कों की बदहाली से नाराज होकर तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने CPA को भंग कर दिया था।

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मध्यप्रदेश गान में खड़े होने की परंपरा बदली

मध्यप्रदेश गान के दौरान खड़े होने की परंपरा प्रदेश में चल रही थी। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी सरकारी कार्यक्रमों की शुरुआत में मध्यप्रदेश गान करने की प्रथा शुरू की थी। इस दौरान सभी लोग खड़े होकर मध्यप्रदेश गान गाते थे। सीएम मोहन यादव एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश गान के समय बैठे रहकर इस परंपरा को तोड़ दिया। जब मध्यप्रदेश गान शुरू हुआ तो सब अपनी जगह खड़े होने लगे। सीएम मोहन ने इशारे से कहा कि खड़े होने की जरूरत नहीं है। इसके बाद सभी ने बैठकर मध्यप्रदेश गान सुना। सीएम मोहन ने कार्यक्रम में कहा कि सिर्फ राष्ट्रगान के समय खड़े होना चाहिए।

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