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हाइलाइट्स
- जबलपुर और पांढुर्णा में इन्फेक्शन से 23 गोवंश की मौत।
- गोसेवकों ने अधिकारियों पर चारा चोरी का आरोप लगाया।
- पांढुर्णा के दो गांवों में 15 मवेशियों की मौत, 5 लोग बीमार।
Madhya Pradesh Gaushala Cow death Case: मध्य प्रदेश में इन्फेक्शन से गोवंशों की मौत के दो बड़े मामले सामने आए हैं, जबलपुर नगर निगम की गोशाला में 8 गायों की मौत हुई और पांढुर्णा के दो गांवों में 15 से ज्यादा मवेशियों की संक्रमण से जान चली गई है। इन घटनाओं से ग्रामीणों और गोसेवकों में गुस्सा है।
जबलपुर में गोसेवकों ने अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। जबकि प्रशासन का कहना है कि मौतें लंपी वायरस (Lumpy virus) से हुईं। वहीं पांढुर्णा में संक्रमित दूध पीने से दो बच्चों समेत पांच लोग बीमार होने की खबर सामने आई है। अब मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग की टीमें अलर्ट पर हैं।
जबलपुर की गोशाला में 8 गायों ने तोड़ा दम
जबलपुर के रामपुर क्षेत्र स्थित नगर निगम गोशाला में गुरुवार को 8 गायों की मौत हो गई। गोसेवकों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया और आरोप लगाया कि शासन से जो भूसा और चारा भेजा जाता है, उसे निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से चोरी किया जा रहा है।
गोसेवकों का आरोप – चारा चोरी हो रहा
गोसेवकों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि गायों के लिए जो भोजन आता है उसे गायब कर दिया जाता है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण गोवंश बीमार हो रहे हैं, कई मरने की कगार पर हैं। गोवंशों का चारा चोरी हो रहा है।
गोसेवक सौरभ यादव ने कहा कि गोशाला में तैनात डॉक्टर बहुत कम आते हैं, सफाई भी नहीं होती। मृत गायों को कई दिनों तक उठाया नहीं गया था। जब मामला मीडिया में आया, तब प्रभारी राजेंद्र पटेल और डॉक्टर मौके पर पहुंचे।
लंपी वायरस के कारण गायों की मौत
इधर, मामले में गोशाला प्रभारी ने बताया कि यहां लंपी वायरस से संक्रमित मवेशियों को रखा गया था। इलाज के दौरान कुछ की मौत हुई है। उन्होंने माना कि मृत पशु हटाने का वाहन उपलब्ध नहीं था क्योंकि संबंधित कर्मचारी हड़ताल पर थे। फिलहाल 8 और संक्रमित गायों को अलग रखा गया है।
पांढुर्णा में संक्रमण से 15 मवेशियों की मौत
दूसरी ओर, पांढुर्णा के हिवरासेनाडवार और उमरीकला गांवों में अज्ञात संक्रमण से 15 से अधिक गायों और बैलों की मौत हो गई। बीमार मवेशियों का पेट अचानक फूलने लगा और कुछ घंटों में ही उनकी मौत हो गई। अज्ञात बीमारी से हो रही मवेशियों की मौत के बाद गांव में हड़कंप मच गया है।
किसानों और ग्रामीणों की सूचना मौके पर पहुंची पशु चिकित्सा विभाग टीम ने इंजेक्शन देकर इलाज की कोशिश की, लेकिन कई जानें नहीं बच सकीं। मृत मवेशियों की जांच में ग्राम पॉजिटिव वर्गाकार बैक्टीरिया पाया गया।
संक्रमित दूध से बच्चों समेत 5 लोग बीमार
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि संक्रमित दूध पीने से पांच लोग, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं, बीमार हो गए हैं। सभी के मृत मवेशियों के संपर्क में आए 30 लोगों के खून के सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर नीरज वशिष्ठ और एसपी सुंदर सिंह कनेश ने गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया और बीमार लोगों से मुलाकात की।
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दूध और पानी को लेकर बरतें सावधानी
बीएमओ डॉ. दीपेंद्र सलामे अपनी पूरी टीम के साथ गांव पहुंचे और हालात का जायजा लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर बीमार लोगों की जांच और निगरानी कर रही है। ग्रामीणों को संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं।
डॉ. सलामे ने बताया कि छिंदवाड़ा पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में मृत गाय और बैल के शरीर में ग्राम पॉजिटिव वर्गाकार बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है। यह संक्रमण इंसानों में भी फैल सकता है, इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है।
कलेक्टर नीरज वशिष्ठ ने कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। उन्होंने मवेशी पालकों से अपील की है कि दूध उबालकर ही पिएं और संक्रमित पशुओं के संपर्क से बचें। साथ ही, स्वास्थ्य, पशु पालन और पुलिस विभाग को गांव में कड़ी निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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